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This Article is From Mar 16, 2020

MP Government Crisis: मध्यप्रदेश के राज्यपाल ने कमलनाथ को फिर लिखी चिट्ठी, आज फ्लोर टेस्ट कराने के दिए निर्देश

MP Government Crisis: इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा को कोरोना वायरस की वजह से 26 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है. फ्लोर टेस्ट की चुनौती झेल रहे सीएम कमलनाथ के लिए यह बड़ी राहत है क्योंकि उनके 20 से ज्यादा विधायक अपना इस्तीफा दे चुके हैं.

MP Government Crisis: मध्यप्रदेश के राज्यपाल ने कमलनाथ को फिर लिखी चिट्ठी, आज फ्लोर टेस्ट कराने के दिए निर्देश
राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर 17 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है.
भोपाल:

MP Government Crisis: मध्यप्रदेश में सियासी नाटक जारी है.  राज्यपाल ने कमलनाथ (Kamal Nath) को फिर चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कल फ्लोर टेस्ट कराने के लिए  निर्देश दिए हैं. राज्यपाल लालजी टंडन (Lalji Tandon) ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर विधानसभा में कल फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है. उन्होंने अपने 14 मार्च के पत्र के जवाब में कमलनाथ की ओर से भेजे गए पत्र को लेकर आपत्ति उठाई है. उन्होंने कहा है कि आपने (कमलनाथ) अपने पत्र में फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के  जो कारण दिए हैं वे आधारहीन एवं अर्थहीन हैं.   

राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे गए पत्र में कहा है कि ''मेरे 14 मार्च के पत्र के उत्तर में मिले पत्र का भाव/भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा है कि मैंने अपने 14 मार्च के पत्र में आपसे विधानसभा में 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए निवेदन किया था. आज विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ, मैंने अपना अभिभाषण पढ़ा परंतु आपके द्वारा सदन का विश्वास मत प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की और इस संबंध में कोई सार्थक प्रयास भी नहीं किया गया. सदन की कार्यवाही 26 मार्च 2020 तक स्थगित हो गई.आपने अपने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र किया है. वह वर्तमान परिस्थितियों और तथ्यों में लागू नहीं होता है.'' 

राज्यपाल ने कहा है कि ''जब यह प्रश्न उठे कि किसी सरकार को सदन का विश्वास प्राप्त है या नहीं तब  ऐसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने अनेक निर्णयों में निर्विवादित रूप से स्थापित किया गया है कि  इस प्रश्न का उत्तर अंतिम रूप से सदन में फ्लोर टेस्ट के माध्यम से ही हो सकता है.'' 

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि ''यह खेद की बात है कि आपने मेरे द्वारा आपको दी गई समयावधि में अपना बहुमत सिद्ध करने के बजाय यह पत्र लिखकर विश्वास मत प्राप्त करने एवं विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है/ आनाकानी की है, जिसका कोई भी औचित्य एवं आधार नहीं है. आपने अपने पत्र में फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के  जो कारण दिए हैं वे आधारहीन एवं अर्थहीन हैं.'' 

राज्यपाल ने कमलनाथ से कहा है कि ''मेरा आपसे पुन: निवेदन है कि आप संवैधानिक एवं लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए कल 17 मार्च 2020 तक मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाएं तथा अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है. ''

इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा को कोरोना वायरस की वजह से 26 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है. फ्लोर टेस्ट की चुनौती झेल रहे सीएम कमलनाथ के लिए यह बड़ी राहत है क्योंकि उनके 20 से ज्यादा विधायक अपना इस्तीफा दे चुके हैं. लेकिन अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर दाखिल याचिका में कहा गया है, गवर्नर ने कहा था कि कि 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराया जाए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष फ्लोर टेस्ट नहीं करा रहे हैं. शिवराज सिंह चौहान की ओर से सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि फ्लोर टेस्ट जल्दी कराए जाए. हालांकि कोरोना वायरस का असर सुप्रीम कोर्ट में भी दिख रहा है.

सुप्रीम कोर्ट बहुत ही जरूरी मामलों की सुनवाई कर रहा है कोर्ट परिसर में वकीलों की मेडिकल जांच की जा रही है. पहले मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देशों के बाद सदन में शक्ति परीक्षण कराने बीजेपी की मांग और प्रदेश सरकार द्वारा स्पीकर का ध्यान कोरोना वायरस के खतरे की ओर आकर्षित किए जाने के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार को सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी. राज्यपाल द्वारा शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र हले लिखकर विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिए जाने का हवाला देते हुए बीजेपी ने अभिभाषण के बीच शक्ति परीक्षण कराने की मांग की थी.

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