MP Coronavirus: मध्यप्रदेश में कोरोना ड्यूटी में लगे ट्रेनी डॉक्टर (Doctors) गुस्से में हैं. वे चाहते हैं कि सरकार उनका वजीफा तो बढ़ाए ही, उसका वक्त पर भुगतान भी करे. उधर प्रदेश के खरगोन जिले में निजी स्कूलों के शिक्षक (Teachers) गुस्से में हैं. वे भी सड़क पर उतरे हैं. उनकी शिकायत है कि मानेदय नहीं मिल रहा है. सरकार के मुखिया और चार मंत्री फिलहाल अस्पताल में हैं, लेकिन आश्वासन मिला है कि मांगें सुनी जाएंगी.
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि कोरोना काल में सरकार 12-12 घंटे ड्यूटी ले रही है. सरकार का 333 रुपये हर दिन देने का वादा है, वो भी नहीं मिल रहा है. मांगों को लेकर छात्र चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के घर पहुंचे.
मंत्री के घर पहुंचीं डॉ काशिफा सैय्यद ने कहा कि ''अभी तक 10000 रुपये नहीं मिले हैं, प्रतिदिन 333 रुपये में काम करना, 8 से12 घंटे पीपीई किट पहनकर, जान जोखिम में डालकर, मुनासिब नहीं है.'' वहीं डॉ केशव सेन का आरोप था ''जो 10000 रुपये देने की घोषण की मुख्यमंत्री ने, वो भी नहीं मिला है. ओडिशा सरकार 1000 रुपये हर दिन के दे रही है. हम चाहते हैं कि मध्यप्रदेश भी ऐसा कुछ करे.'' डॉ अंशुल ने कहा कि ''मैं दो महीने पहले कोविड पॉजिटिव हुआ था. इलाज के बाद फिर ड्यूटी शुरू की. 1000 रुपये कर दें ताकि हम रोजमर्रा में प्रभावित न हों.'' वहीं डॉ सुबोध का कहना था कि ''पीपीई किट में 8-10 घंटे काम करना, इतना डिहाइड्रेशन, बहुत कठिन हो जाता है.''
गांधी मेडिकल कॉलेज के छात्रोंं का आरोप है कि #कोरोना काल में सरकार 12-12 घंटे ड्यूटी ले रही है, 333 रुपये हर दिन देने का वायदा है वो भी नहीं मिल रहे हैं.मांग लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री के घर पहुंचे @INCMP @BJP4MP#coronavirus #Doctors#CoronaWarrior pic.twitter.com/MInym6CF4s
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 30, 2020
सरकार का कहना है जो संभव होगा मदद करेंगे. कांग्रेस डॉक्टरों की मांग का समर्थन कर रही है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जो आज हल हो सकती है जैसे क्वारेंटाइन सेंटर, वो आज ठीक हो जाएगा. जो कुछ उनकी वित्त से लेकर मांग है, उनका प्रस्ताव बना रहे हैं. जो संभव होगा निराकरण करेंगे. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज़ सिद्दीकी ने कहा मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी 10000 बोनस दिया जाएगा, तो तुरंत देना चाहिए. कांग्रेस पार्टी जूनियर डॉक्टरों की इस मांग का समर्थन करती है.
एक और प्रदर्शन खरगोन जिले में शिक्षकों ने किया. ये शिक्षक निजी स्कूल में काम करते हैं. उनका कहना है कि चार महीने से तनख्वाह नहीं मिली, भूखे मरने की नौबत है. इनका प्रदर्शन नेताओं से अलग है. सड़क पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा है. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोकेश ने कहा कि पहली बार निजी शिक्षक सड़क पर निकला है.
खरगौन में निजी स्कूल के शिक्षक कह रहे हैं चार महीने से तनख्वाह नहीं मिली भूखे मरने की नौबत है इनका प्रदर्शन नेताओं से अलग है, सड़क पर भी #सोशल_डिस्टनसिंग का ख्याल रखा है. #NewEducationPolicy #coronavirus pic.twitter.com/yLsVytqj1f
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अकेले खरगोन में 5000 निजी शिक्षक हैं. मार्च से ये 25000 लोग आर्थिक दिक्कत को झेल रहे हैं, घर कैसे चलाएं.
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