
Earwax Cleaning Tips: अक्सर हम कान साफ करने के लिए ईयरबड्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, ये नुकसानदायक भी हो सकता है. कान की सफाई एक बहुत ही जरूरी लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली आदत है. हालांकि का अपना खुद का सेल्फ क्लिनिंग प्रोसेस होता है. कान के अंदर जमा पीला पदार्थ कान की सुरक्षा करता है, जिसे हम अक्सर साफ करते रहते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अगर आप कान को एक साल तक साफ नहीं करते, तो इसका क्या असर सिर्फ सुनने की क्षमता ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर भी पड़ सकता है. चलिए जानते हैं कि इससे क्या नुकसान हो सकता है, कब और कैसे कान की सफाई करनी चाहिए.
एक साल तक कान न साफ करने के नुकसान (Kan Saaf Na Karne Ke Nuksan)
मेल जमना: कान में नेचुरल तरीके से मेल बनता है जो धूल और बैक्टीरिया को रोकता है. लेकिन, अगर लंबे समय तक इसे साफ न किया जाए तो यह सख्त होकर कान के अंदर जमने लगता है.
सुनने में दिक्कत: जमा हुआ मेल ध्वनि को कान तक पहुंचने से रोकता है, जिससे सुनाई देना कम हो सकता है या आवाज़ भारी लग सकती है.
गुंजन या आवाज आना: ब्लॉक हो चुके कान में अक्सर सीटी जैसी आवाज आती है या कान के अंदर गूंजने का एहसास होता है.
इंफेक्शन का खतरा: मेल में बैक्टीरिया पनप सकते हैं और इससे कान में खुजली, जलन या यहां तक कि संक्रमण भी हो सकता है.
सिरदर्द और चक्कर: कान से जुड़ी नसें शरीर के संतुलन और सिर से जुड़ी होती हैं, मेल के कारण दबाव पड़ने से सरदर्द और चक्कर आने लगते हैं.
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कब करनी चाहिए कान की सफाई? (Kab Karni Chahiye Kan Ki Safayi)
अगर कान में भारीपन, खुजली, आवाज गूंजना या सुनने में दिक्कत हो रही है तो सफाई की जरूरत हो सकती है.
कुछ लोगों के कान में जल्दी मेल बनता है, ऐसे में महीने या दो महीने में एक बार डॉक्टर से चेक जरूर करवा लें.
नॉर्मल कंडीशन में 3–6 महीने में एक बार कान की जांच और सफाई जरूरी होती है.
कान साफ करने का आसान और सुरक्षित तरीका (Kaan Saaf Karne Ka Asaan Tarika)
नोट: कभी भी किसी तेज घार वाली या नुकीली चीज जैसे माचिस की तीली, पिन या रूई की छड़ी को कान में ना डालें. इससे कान की नाजुक त्वचा और पर्दा (eardrum) को नुकसान पहुंच सकता है.
गुनगुना तेल का इस्तेमाल: नारियल या सरसों का हल्का गर्म तेल एक-दो बूंद कान में डालें। इससे मेल नरम हो जाएगा और धीरे से बाहर आ सकता है.
Ear Drops: मेडिकल स्टोर से मिलने वाले ईयर ड्रॉप्स मेल को ढीला करने में मदद करते हैं। इन्हें डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें।
डॉक्टर से सफाई कराएं: अगर मेल ज़्यादा है या खुद से साफ नहीं हो रहा तो ENT स्पेशलिस्ट से कान की सफाई करवाना सबसे सुरक्षित तरीका है.
ध्यान रखने योग्य बातें:
बच्चों के कान ज्यादा संवेदनशील होते हैं, उनकी सफाई डॉक्टर से कराना अच्छा होता है. अगर कान में दर्द, बहाव या बहरापन लगे तो खुद से सफाई करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
कान की सफाई एक छोटी सी आदत है जो आपकी सुनने की क्षमता और लाइफ क्वालिटी को बेहतर बना सकती है। थोड़ा सा ध्यान और सही तरीका अपनाकर आप अपने कानों को हेल्दी और साफ रख सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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