Madhya Pradesh: देश के ज्यादातर राज्य इस समय खाद के संकट का सामना कर रहे हैं. इस कारण देश के 'अन्नदाता' दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर हैं. मध्य प्रदेश राज्य में तो कथित तौर पर खाद की कमी के चलते अशोक नगर के पिपरोल में एक किसान के आत्महत्या करने की खबर पिछले दिनों मीडिया की सुर्खियों में थी. अधिकारियों का कहना है कि व्यवस्था की जा रही है. लेकिन हकीकत में मध्यप्रदेश में डीएपी की किल्लत को कम समय में दूर करना टेढ़ी खीर सा लगता है. आने वाले दिनों में दिक्कत और बढ़ सकती है. क्योंकि ज्यादातर सहकारी संस्थाओं में खाद नहीं है, वह भी ऐसे समय जब रबी की फसल में गेहूं, चना, मसूर, सरसों की बुवाई होना है. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya singh)ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan)और उनकी सरकार पर निशाना साधा है.
मध्य प्रदेश के अलावा यूपी में भी खाद की कमी की खबरें मिली हैं. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी इसे लेकर मुखर हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में उर्वरक की कमी को लेकर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि अपने खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश के चलते सत्ता में वापसी की सम्भावनाएं खत्म होते देख सरकार ने किसानों को पूरी तरह हाशिये पर रख दिया है. अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा, ''भाजपा सरकार की संवेदनहीनता की हद है कि खाद के लिए किसान घंटों नहीं, कई-कई दिन लाइन लगाने को मजबूर हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है. प्रदेश के तमाम जनपदों में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है पर सरकार कान में तेल डाले बैठी है.''
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