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This Article is From Jul 03, 2023

MP के इस गांव में घूम रहे 40 "भूत", खुद को जिंदा साबित करने के लिए लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

पूरे घटनाक्रम पर जिला प्रशासन का कहना है कि साइबर सेल से जांच होगी. कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा है कि जो प्रारंभिक जानकारी मिली है उसके अनुसार पंचायत चुनाव को लेकर विवाद है. जिसमें एक राजनीतिक दल के समर्थन में फ्रॉड किया गया है.

भोपाल:

मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की एक पंचायत में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिसमे एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 40 लोगों को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया है. अब यह 40 लोग अपने हाथ में दस्तावेज लेकर खुद को जिंदा होने के सबूत के साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.  मध्यप्रदेश में विदिशा जिले के कुरवाई में खजुरिया जागीर गांव में  40 सर्टिफाइड भूत हैं. ये भूत खाना भी बनाता है, चारा भी काटते हैं, हाथों में आधार कार्ड थाम कर सरकारी दफ्तर भी घूम आते हैं.

गांव में 50 साल की गुड्डी बाई अपने  पति और तीन बेटे बहू के साथ रहती हैं.गुड्डी बाई और उनकी बहू सरकारी कागज़ों के हिसाब से भूत बन चुके हैं. गुड्डी बाई एनडीटीवी से बात करते हुए कहती है कि हमें तो मार डाला. हमारे सारे काम रूके हैं ना बच्चों की पढ़ाई हो रही है ना कोई और काम. एक अन्य महिला राजकुमारी बाई ने कहा कि हमारा नाम आईडी से हट गया है. हमें मरा हुआ बताया है हमने सरपंच से हमारी मृत्यु हो गई चर्चा की है.

"लाडली बहना योजना का नहीं मिल रहा है लाभ"

27 साल की सुशीला मुख्यमंत्री की बहुप्रचारित लाडली बहना का लाभ नहीं ले पाईं है. वो लेती भी कैसे? अब हितग्राहियों में भूतों की कैटगरी तो है नहीं. मुझे मृत घोषित कर दिया पंचायत ने. 19 साल के रामभजन पूरे परिवार के साथ गांव में रहते हैं, परिवार में वो कागजी मृत हैं, सरपंच-सचिव सबसे आश्वासन मिल गया लेकिन कागजों में जीवित नहीं हो पाये हैं. राम भजन ने कहा कि सर मृत्यु लिखा आ रहा है, सबके पास गये सरपंच-सचिव कहने लगे जुड़ जाएगा लेकिन नहीं जुड़ा. परेशानी हो रही है एडमिशन नहीं हो रहा है जुड़ ही नहीं रहा है हमारा नाम. 

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26 साल के कंछेदी लाल बताते हैं कि वो अकेले नहीं हैं जिन्हें दस्तावेजों में मृत घोषित किया गया है. बल्कि उसी ग्राम के 40 लोग शामिल है जिन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है. कंछेदी लाल ने कहा कि हमारे गांव में समग्र आईडी में नाम कट गये हैं, हमारे गांव में लगभग 40 लोगों को मृत घोषित कर दिया, हम पंचायत गये सरपंच सचिव ने कहा जुड़ जाएंगे, फिर हम कुरवाई गई बोला सीओ साहब ने जुड़ जाएंगे फिर विदिशा गये वहां भी नहीं हुआ, खाद्यान्न नहीं मिल रहा गरीबी रेखा वाला.

बच्चों का स्कूल में नहीं हो रहा है एडमिशन

33 साल के दीपक मजदूरी करते हैं, जीतेन्द्र किसान हैं दोनों के बच्चे का स्कूल में एडमिशन नहीं हो सका, संतोष सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, आनंद सरकारी नौकरी में आवेदन तक नहीं कर पाये हैं. दीपक ने कहा कि मैंने बच्ची का सीएम राइज में एडमिशन करवाना था, नहीं हो पाया अब 1 साल वो नहीं पढ़ पाएगी, मैंने उनसे कहा मैं ज़िंदा हूं मैं कैसे साबित करूं. 

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जिला प्रशासन ने क्या कहा?

पूरे घटनाक्रम पर जिला प्रशासन का कहना है कि साइबर सेल से जांच होगी. कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा है कि जो प्रारंभिक जानकारी मिली है उसके अनुसार पंचायत चुनाव को लेकर विवाद है. जिसमें एक राजनीतिक दल के समर्थन में फ्रॉड किया गया है. डीएम ने कहा कि एसपी भी हैं यहां साइबर सेल को पत्र भेजकर जांच करवाएंगे जो तकनीकी त्रुटि है उसको ठीक करा लेंगे.

मंत्री ने कहा- कोई त्रुटि है तो ठीक करवा देंगे

कैबिनेट मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि जनसेवा अभियान 2 में लंबित प्रकरण था उसका निराकरण करेंगे वो.कोई त्रुटि है तो ठीक करवा देंगे.किसी के बच्चे का साल बर्बाद हुआ, कोई नौकरी के लिये आवेदन नहीं कर पाया लेकिन सरकारी भरोसा यही कि काम हो जाएगा लेकिन तारीख नहीं बता पाएंगे.वैसे हैरत नहीं है - सरकार ने जनसेवा अभियान चलाया दावा किया घर-घर जाकर समस्या का हल देंगे, सत्तारूढ़ दल ने विकास यात्रा निकाली दावा किया कार्यकर्ता हर घर पहुंचेंगे ... शायद खजुरिया जागीर जाने से सरकार और पार्टी दोनों डर गये अब भूतों के गांव पहुंचे भी तो कैसे.

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