बीते चार दिनों से बस्तर जिले में लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. बारिश के चलते शबरी नदी उफान पर है और झापरा पुल डूब चुका है. इसी वजह से जिला मुख्यालय का ओडिशा व दो दर्जन पंचायतों से संपर्क टूट चुका है. वहीं कल रात में एनएच 30 पर स्थित साई मंदिर के पास भी जल का भराव हो गया था. जिसके कारण एनएच 30 पर करीब 5 फीट पानी आ गया और जगदलपुर व छिन्दगढ़ ब्लाक मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है. यही हाल कोंटा रोड़ का भी है. दूब्बाटोटा के पास भी जल का भराव हो गया है. इधर जिला प्रशासन बाढ़ के हालातों पर नजर बनाए हुए है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अर्लट जारी कर दिया गया है. बारिश को देखते हुए दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया. वहीं नदी के किनारे वाले गांवों में मुनादी कराई गई. और स्थानीय प्रसाशन को अर्लट रहने को कहा गया है. राहत शिविर बनाए गए हैं. जहां करीब 20 परिवार राहत शिविर पहुंचे है.
मंगलवार सुबह से ही शबरी नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. तो दूसरी ओर जिला मुख्यालय में भी जल का फैलाव हो रहा है. मंगलवार से झापरा पुल पर पानी आने के कारण दो दर्जन पंचायत समेत उड़ीसा से संर्पक टूट चुका था. वहीं मंगलवार को देर शाम को शबरी नदी का जलस्तर 11. 2 बताया जा रहा था, जबकि डेंजर लेवल 13 फीट है. जिला मुख्यालय के अलावा कोंटा, एर्राबोर व छिन्दगढ़ में भी बाढ़ के हालात बने हुए है. शबरी नदी के किनारे वाले गांवों में जल का भराव होना शुरू हो गया है.
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— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 31, 2019
जिला मुख्यालय स्थित सीआरपीएफ 2 के हेडक्वाटर में भी जलभराव होना शुरू हो गया. इसके अलावा सुपनार, लाईनपारा, शबरी नगर, कुम्माहरास के अलावा शबरी नदी के किनारे वाले गांवों में प्रशासन ने मुनादी करवाया है. सोमवार को जिला मुख्यालय में साप्ताहिक बाजार लगती है, लेकिन बारिश के कारण बाजार में बहुत ही कम संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे और जल्दी वापस अपने घर के लिए चल दिए. लेकिन झापरा पुल में पानी के भराव के कारण कुछ लोग दोनो और फंसे हुए है.
जिले में एक जून 2019 से अब तक कुल 708.1 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है. सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख शाखा सुकमा से मिली जानकारी के मुताबिक जिले की तहसील सुकमा में 677.6 मिमी छिन्दगढ में 797.1 और कोंटा में 649.5 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है. पिछले 24 घंटे के दौरान सुकमा में 164.3 मिमी छिंदगढ में 124.2 मिमी और कोंटा में 60.4 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड हुई है. इसके अलावा कलेक्टर चंदन कुमार, एसपी शलभ सिन्हा व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने जिले के नदी-नालों का जायजा लिया. जहां बाढ़ के हालात बने हुए है वहां के स्थानीय प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए.
मलगेर भी उफान पर
रविवार से गादीरास स्थित मलगेर नदी उफान पर है. गादीरास व कोन्डरे मार्ग पर बना पुल डूब गया था. लेकिन सोमवार को हालात और खराब हो गए पुल के ऊपर से करीब 5 फीट पानी बह रहा था. वहीं साप्ताहिक बाजार करने आए ग्रामीणों के भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन ने कर दी थी. इसके अलावा इंजरम, कोंटा व एर्राबोर में भी हालात बाढ़ के बने हुए है. इलाके के छोटे-छोटे नाले उफान पर है.
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दो दिन का अवकाश, अर्लट जारी
लगातार बारीश को देखते हुए जिला प्रशासन ने दो दिन का अवकाश घोषित किया है. जिले के सभी स्कूलों व आगनबाड़ियों में दो दिन तक अवकाश रहेंगे, क्योंकि मूसलाधार बारिश में बच्चे काफी परेशान हो रहे थे. इसके अलावा जिले में बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर स्थानीय अमला को अर्लट जारी कर दिया गया है. इसके अलावा जिले के थानों, कैम्पों को भी अर्लट रहने को कहा गया है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
जिला मुख्यालय सुकमा के कुछ वार्डों में जल का भराव होना शुरू हो गया था. जिसके चलते जिला प्रशासन ने नगर के हाईस्कूल, जनपद शाला, एसटीएफ कैम्प को राहत शिविर बनाया गया. इसके अलावा ब्लाक मुख्यालय में भी शिविर बनाए गए है. जिसमें रात में हाईस्कूल व जनपद में करीब 20 परिवार के लोग अपने सामान के साथ आ गए थे. जहां प्रशासन की और से खाने-पीने व रहने की व्यवस्था की गई.
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