
- यमुना नदी का जलस्तर दिल्ली में 19 अगस्त तक 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना है, जो खतरे के स्तर से अधिक है.
- केंद्रीय जल आयोग ने सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने और बाढ़ से निपटने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
- रविवार शाम को यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर चेतावनी स्तर 204.60 मीटर को पार कर गया है.
पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते यमुना नदी उफान पर है. हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जो यमुना के जलस्तर में इजाफा कर रहा है और 19 अगस्त की रात तक इसके 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना जताई गई है, जो खतरे के स्तर 205.33 मीटर को पार कर जाएगा. केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने रविवार को एक परामर्श जारी कर सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने और एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. रविवार शाम को करीब सात बजे नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार करते हुए पुराने रेलवे पुल पर 204.60 मीटर के निशान पर पहुंच गया.
दिल्ली के लिए चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है और 206 मीटर पर लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ जोखिमों की निगरानी के लिए एक प्रमुख निरीक्षण बिंदु के रूप में काम करता है.
हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी
परामर्श में कहा गया है, 'आज 17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए, यह सूचित किया जाता है कि दिल्ली रेलवे पुल पर जल स्तर 19 अगस्त 2025 को देर रात लगभग दो बजे 206.00 मीटर को पार कर सकता है.'
सीडब्ल्यूसी ने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियों से बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है.
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जल स्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है.''
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने ये कहा
- हथिनीकुंड बैराज से इस सीजन की सबसे अधिक मात्रा — लगभग 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
- वजीराबाद बैराज से हर घंटे 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.
- यह पानी आमतौर पर 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है.
सिंचाई विभाग पूर्व में 100000 क्यूसेक से ऊपर मिनी फ्लड घोषित कर देता है, जबकि ढाई लाख से ऊपर हाई फ्लड घोषित किया जाता है. हालांकि इससे पहले हथिनीकुंड बैराज पर 70000 क्यूसेक पानी आने पर ही मिनी फल्ड घोषित कर दिया गया जाता था, लेकिन अब यह 100000 क्यूसेक से ऊपर किया जा रहा है.
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