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This Article is From Jun 04, 2018

मध्‍य प्रदेश में फर्जी वोटर मामला : जांच के लिए भोपाल पहुंचीं चुनाव आयोग की टीमें

टीम में शामिल आईटी निदेशक वीएन शुक्ला ने सिर्फ इतना कहा, 'अभी हम सारे बीएलओ से बात कर रहे हैं, जो भी कमीशन कहेगा हम करेंगे.'

मध्‍य प्रदेश में फर्जी वोटर मामला : जांच के लिए भोपाल पहुंचीं चुनाव आयोग की टीमें
फाइल फोटो
भोपाल: कांग्रेस की मुख्य चुनाव आयोग से मध्यप्रदेश के वोटर लिस्ट में 60 लाख फर्जी मतदाताओं की शिकायत के बाद 4 टीमें भोपाल आ गईं. हर टीम में 2-2 अधिकारी हैं जो कथित तौर पर मतदाता सूची में फर्जीवाड़े की जांच करेंगे. टीम में शामिल आईटी निदेशक वीएन शुक्ला ने सिर्फ इतना कहा, 'अभी हम सारे बीएलओ से बात कर रहे हैं, जो भी कमीशन कहेगा हम करेंगे.' वहीं भोपाल कलेक्टर सुदाम खाडे का कहना था, 'डीएसई एंट्री वहां हैं एक नाम, एक पते जैसे. कई जगहों पर एक नाम की एंट्री अलग-अलग विधानसभा में हुई है जिसकी जांच कर रहे हैं.'

हमने आपको बताया था कि कैसे भोजपुर विधानसभा मतदाता केंद्र 245 मतदाता कार्ड नंबर आईजेपी 3297140 वाले देवचंद इसी बूथ पर आईजेपी 3297249 से मुकेश कुमार हो गये या फौजिया खान की तस्वीर पर प्रमीला का भी कार्ड बना, प्रकाश और दिलिप सिंह का भी. 36 मतदाता कार्ड एक ही फोटो से बने हैं.

कांग्रेस शिकायत लेकर दिल्ली पहुंची, दावा किया प्रदेश में ऐसे 1-2 नहीं बल्कि 60 लाख फर्जी वोटर हैं जिसे सरकार ने प्रशासन की मदद से तैयार किया है, हालांकि इस संख्या का गणित वो समझा नहीं पा रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कहा, 'औसत से इस गणित पर पहुंचे हैं. ये 60-65 या 58 हैं, ये पूरा जांच सर्वे हो जाए फिर पता लगेगा लेकिन बोगस वोटर हैं, ये प्रमाणित हैं, जैसे राजधानी की नरेला में एक घर में कहीं कहीं 600 नाम हैं, भोजपुर में हैं कोलारस-मुंगावली में पहले से था.'

बीजेपी भी कह रही है ऐसी लिस्ट की जांच हो और खामियां दूर की जाएं, वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि कांग्रेस के आंकड़े गलत हैं. पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, 'वोटर लिस्ट में गलती है तो उसका निराकरण हो लेकिन कहा जाता है कि वोटर लिस्ट ब्रेक नहीं हो सकता, ये भी जांच का विषय है. इसमें सरकार या सरकारी अमले का लेना देना नहीं है. चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिये.'

VIDEO: मध्य प्रदेश के वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा, एक ही नाम से कई मतदाता पहचान पत्र

वहीं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने कहा ये जो 60 लाख का आंकड़ा है, संभवत संभावित नाम, रिश्तेदार का नाम, स्त्री-पुरूष, हमारे पास कई पैमाने हैं, नाम, पिता का नाम, आयु, फोटो मैच, इसपर ये आंकड़ा बहुत कम हैं उतना कतई नहीं है. चुनाव आयोग की टीम नरेला, भोजपुर, सिवनी-मालवा, होशंगाबाद जाकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों की वजहों को पता करने की कोशिश करेगी, 7 जून तक इन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.

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