दमोह जिले के असलाना सरकारी स्कूल में पढ़ऩे वाले बच्चों की जिंदगी खतरनाक होती जा रही है. ये बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं. दरअसल स्कूल तक आने और स्कूल से वापस घर जाने के लिए मासूम बच्चों को जिले की सबसे बड़ी नदी सुनार को पार करना होता है. एक टूटी फूटी नाव के सहारे स्कूली बच्चे नदी को हर रोज पार करते हैं. जानकारी के मुताबिक, नदी विकराल रूप धारन कर चुकी है. करोड़ों की लागत का पुल बना होने के बावजूद रस्सी के सहारे नाव के जरिए उफनाती सुनार नदी पार की जाती है ,मामला सामने आने के बाद प्रशासन जल्द कारगर कदम उठाने की दिलासा दे रहा है.
स्कूल जाने के लिए नदी किनारे पहुंची छात्राएं बताती हैं- डर लगता है, पर मजबूरी है, क्योंकि असलाना स्कूल उनके गांव से करीब है इसलिए रस्सी के सहारे बहती हुई नाव में सवार होकर जाते हैं, तेज बारिश के दिनों में जब नदी उफान पर होती है तो कई कई दिन स्कूल नही जा पाते. जिससे पढ़ाई का बहुत नुकसान होता है. रास्ता बन जाए तो हमें काफी सुविधा हो जाएगी.
दरअसल 10 साल पहले करोड़ों की लागत से ये पुल का निर्माण होने के बाबजूद प्रशासन का लचर रवैया उसका उपयोग न हो पाने के लिए जिम्मेदार है,इस पुल के दोनो तरफ निजी भूमि है जिसमे खेती होती है न कोई एप्रोच रोड है और न जमीनों का अधिग्रहण हुआ है,इसलिए ये पुल महज शो पीस बनकर रह गया है।स्थानीय ग्रामीण और बच्चो की परेशानियों से अनजान जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द इस तरफ ध्यान देकर शासन को अवगत कराकर कारगर कदम उठाया जाएगा.
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