मध्य प्रदेश में कोरोना से एक दिन में 1478 मौत का आंकड़ा जुड़ गया है, सरकार कह रही है ये आंकड़ा कई जिलों के निजी अस्पताल और घर में जिन मरीजों की मौत हुई उन्हें जोड़कर मिला है.मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 26 जून को सभी जिलों के सीएमएचओ को आदेश जारी कर दूसरी लहर में हुई मौतों के मामलों की जानकारी सार्थक पोर्टल के 3ए फॉर्म में दर्ज करने के साथ ही फॉर्म 8 में लाइन लिस्ट एंट्री करने को कहा था. जिलों से आई जानकारी में 1478 ऐसे मृतकों की जानकारी भेजी गई, जिनकी कोरोना से मौतें हुई हैं, जिसके बाद निजी अस्पतालों में 762, जिलों में 508 और होम आइसोलेशन में 208 लोगों के मौत के आंकड़ों को जोड़ा गया.11 जुलाई तक मध्य प्रदेश में सरकार कोरोना से 9027 लोगों के मौत के आंकड़ों की बात कह रही थी, 12 जुलाई को 1478 का बैकलॉग जुड़ने के बाद कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा 10,506 पर पहुंच गया. पहले ये कुल संक्रमितों का 1.14 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 1.33 प्रतिशत हो गया. ये आंकड़ा सामने आने के बाद कांग्रेस हमलावर है, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि जो सरकार दिनभर झूठ बोलती है, मौतों के आंकड़े छिपाती है, हवा-हवाई घोषणाएं करती है, उसने फैक्ट चेक के लिए वेबसाइट लॉन्च की है. शिवराज जी फैक्ट तो जनता को मालूम है, आप अपनी सरकार का भविष्य “चेक” करिए. एनडीटीवी ने सबसे पहले बताया था कि कैसे मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार के दावे लगातार झूठे साबित हो रहे हैं. पिछले साल मध्य प्रदेश में कोरोना से 5424 मौत के आंकड़े सरकारी दस्तावेजों में दर्ज हैं जबकि अकेले अप्रैल 2021 में इससे दोगुना मौतें मध्य प्रदेश के श्मशानों और कब्रिस्तानों के रिकॉर्ड में हैं. अकेले राजधानी भोपाल में कब्रिस्तान और श्मशान के आंकड़े जोड़ें तो कोरोना के 3811 शवों का अंतिम संस्कार हुआ जिसमें भोपाल जिले से 2557 शव थे, लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे अप्रैल में कोरोना से भोपाल में सिर्फ 104 मौत हुई. मई तक पूरे राज्य में मौत का सरकारी आंकड़ा 6420 था,जबकि भोपाल में 795.बहरहाल मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार के बाद देश का तीसरा राज्य है, जिसने कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों में बैकलॉग को जोड़ा है.
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