छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार तबादलों को लेकर विवादों में घिर गई है. ताजा मामला सुकमा जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला के तबादले से जुड़ा हुआ है. दरअसल, सुकमा जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने एसपी जितेंद्र शुक्ला को एक टीआई के तबादले के लिए पत्र लिखा था और इस पत्र को अपने एक कार्यकर्ता के हाथों एसपी के पास भेजा था. एसपी जितेंद्र शुक्ला ने कवासी लखमा को जवाबी पत्र लिखते हुए कहा कि 'जिले की कानून व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी है और अधिनस्थ कर्मियों का तबादला कहां करना है, यह एसपी का विशेषाधिकार भी है'. एसपी जितेंद्र शुक्ला ने अपने पत्र में टीआई के तबादले से भी साफ मना कर दिया.
बताया जा रहा है कि इससे नाराज प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से कर दी. इसके बाद एसपी का तबादला कर दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया. इस बारे में सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को मीडिया से कहा कि एसपी ने प्रभारी मंत्री को पत्र लिखा, जो उनका अधिकार नहीं है. इसी वजह से उन्हें हटाया गया है. तबादले के बाद एसपी जितेंद्र शुक्ला ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर सरकार के इस फैसले को, 'अप्रत्याशित और अवांछित' बताया है.
जितेंद्र शुक्ला ने अपनी पोस्ट में लिखा, ' कही भी पोस्टिंग रहेगी तो भी मैं अपनी जगह लोगों के दिलों में बना लूंगा. अपना काफिला इसी तरह बढ़ता जाएगा. बस्तर पुलिस का पार्ट होना मेरे लिए गर्व की अनुभूति है और हमेशा रहेगी. अलविदा सुकमा'.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ लेने के साथ ही व्यापक रूप से प्रशासनिक फेरबदल करने की शुरुआत कर दी थी और शपथ लेने के तुरंत बाद ही चार आईपीएस अफसरों और छह आईएएस अफसरों के प्रभार में परिवर्तन कर दिया था. इसके बाद से नियमित अंतराल पर तबादले हो रहे हैं.
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