रायपुर:
छत्तीसगढ़ सीडी मामले में गिरफ्तार विनोद वर्मा तीन दिनों तक रायपुर पुलिस की हिरासत में रहेंगे. पुलिस ने कोर्ट से विनोद वर्मा की 5 दिन की रिमांड मांगी थी. लेकिन करीब एक घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने 3 दिन के रिमांड की इजाजत दी. शुक्रवार रात 11 बजे रायपुर पहुंचे विनोद वर्मा को लगभग 17 घंटे बाद अदालत में पेश किया गया. पुलिस ने अदालत से कहा कि मामले में कई प्रभावशाली लोग जुड़े हैं, तकनीक की पड़ताल और दूसरे राज्यों में मामले के तार हैं, ऐसे में उन्हें पूछताछ का वक्त चाहिये. वहीं विनोद वर्मा के वकीलों ने कहा कि ये सब दो बड़े लोगों की शह पर हो रहा है. विनोद वर्मा को स्लिप डिस्क है, बावजूद इसके पुलिस गई हवाई जहाज से लेकिन उन्हें सड़क के रास्ते लेकर आई. यही नहीं, उन्हें घंटों तक रायपुर के आसपास घुमाते रहे. विनोद वर्मा के वकील सतीश वर्मा ने कहा, 'उन्हें जान का खतरा है. दो संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति उन्हें फंसा रहे हैं. उनसे सिर्फ लैपटॉप, पेन ड्राइव जब्त किया गया था. पुलिस ने जब ट्रांजिट रिमांड मांगी तब कोर्ट में उन्होंने सीडी पेश नहीं की थी. कोर्ट के कहने पर सीडी पेश की गई वो भी पहले बिना सील किये. शिकायतकर्ता ने कोई विवरण भी नहीं दिया, ना शरीर, ना आवाज, ना उसे चेक किया गया.'
उधर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मामले पर मन की बात कह दी. मीडिया के सवाल सुने बगैर सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है. रमन सिंह ने कहा, ये मामला दूर-दूर तक फैला है. सारे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए. आज ही मामले में मैंने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिये हैं.' इससे पहले विनोद वर्मा को जब थाने से निकाला गया तो वहां बीजेपी कार्यकर्ता पहुंच गये, सड़क पर भी उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाए. वहीं कांग्रेसी मुख्यमंत्री निवास को घेरने निकले जहां पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई.
VIDEO: पत्रकार विनोद वर्मा को कोर्ट ले जाते वक्त बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
कांग्रेस ने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है. कांग्रेस के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि विनोद वर्मा बड़े पत्रकार हैं, गैरकानूनी ढंग से उनकी गिरफ्तारी हुई है. विरोध हो रहा है क्योंकि कांग्रेस की तरफ वो सहानुभूति रखते थे, हमें सीबीआई पर भरोसा नहीं है, हम चाहते हैं जस्टिस की निगरानी में एसआईटी बने ताकी सच्चाई सामने आ सके. कोर्ट में जिरह के दौरान विनोद वर्मा के वकीलों ने पुलिस की फुर्ती पर कई सवाल उठाये. सवाल मामले में शिकायतकर्ता के अज्ञातवास पर भी उठे तो वहीं ये भी पूछा गया कि एफआईआर में जिस आका का जिक्र है उसके बारे में पुलिस ने क्यों नहीं पता लगाया.
उधर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मामले पर मन की बात कह दी. मीडिया के सवाल सुने बगैर सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है. रमन सिंह ने कहा, ये मामला दूर-दूर तक फैला है. सारे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए. आज ही मामले में मैंने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिये हैं.' इससे पहले विनोद वर्मा को जब थाने से निकाला गया तो वहां बीजेपी कार्यकर्ता पहुंच गये, सड़क पर भी उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाए. वहीं कांग्रेसी मुख्यमंत्री निवास को घेरने निकले जहां पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई.
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कांग्रेस ने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है. कांग्रेस के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि विनोद वर्मा बड़े पत्रकार हैं, गैरकानूनी ढंग से उनकी गिरफ्तारी हुई है. विरोध हो रहा है क्योंकि कांग्रेस की तरफ वो सहानुभूति रखते थे, हमें सीबीआई पर भरोसा नहीं है, हम चाहते हैं जस्टिस की निगरानी में एसआईटी बने ताकी सच्चाई सामने आ सके. कोर्ट में जिरह के दौरान विनोद वर्मा के वकीलों ने पुलिस की फुर्ती पर कई सवाल उठाये. सवाल मामले में शिकायतकर्ता के अज्ञातवास पर भी उठे तो वहीं ये भी पूछा गया कि एफआईआर में जिस आका का जिक्र है उसके बारे में पुलिस ने क्यों नहीं पता लगाया.
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