छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण, प्रमोशन से लेकर देश में नाम दिलाने के मकसद से 5 साल पहले छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम का गठन किया गया था. 2018 में बने फिल्म विकास निगम के 5 साल बीतने के बाद भी पदों पर नियुक्तियां शासन की तरफ से नहीं की गई हैं. पदों पर नियुक्ति नहीं होने से फिल्म के विकास के लिए कोई काम नहीं हो रहा है. जब फिल्म विकास बोर्ड का गठन हुआ था तो उस समय 2 महीने के लिए अस्थाई अध्यक्ष बनाया गया था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद निगम की बॉडी ने निर्माण पर ध्यान ही नहीं दिया . छत्तीसगढ़ सरकार फिल्म नीति को लेकर 4 फरवरी 2022 को नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है लेकिन निगम के पदों पर नियुक्ति नहीं होने से फिल्म नीति का लाभ फिल्म मेकर को नहीं मिल पा रहा. फिल्म नीति में सब्सिडी पर निर्णय के साथ हर जिले में थिएटर खोलने का प्रावधान है.
फिल्म विकास निगम क्या है कार्य
इसके जरिए कलाकारों को एक ऐसा प्लेटफार्म मिलता है, जहां वे अपनी परेशानी को उठा सकते हैं और निगम उनके हित में निर्णय ले सकता है. निगम के जरिये कलाकारों के आर्थिक हित पर भी सकारात्मक फैसले लिए जा सकते हैं. ब्लॉक स्तर पर थिएटर निर्माण को लेकर सरकार की तरफ से क्या सब्सिडी दी जानी चाहिए उसे फिल्म विकास निगम अनुसंशा कर सकता है. निगम के लिए बजट का अलग से प्रावधान किया जा सकता है कि निगम अपने स्तर पर फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन दे सके. फिल्म इंडस्ट्री के विकास के लिए निवेश को आकर्षित करना और फिल्म प्रोडक्शन को टूरिज्म से जोड़कर प्रमोट करना ताकि राज्य का राजस्व बढ़ सके.
फिल्म विकास निगम के पूर्व चेयरमैन राजेश अवस्थी का कहना है कि भाजपा सरकार में निगम का गठन हुआ, काम शुरू ही हुआ था कि सरकार बदल गई. कांग्रेस की सरकार आने के बाद निगम में कोई नियुक्ति नहीं हुई, जिससे कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को परेशानी हो रही. फिल्म प्रोडक्शन के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की नहीं होने से फिल्म मेकर और कलाकारों को बहुत परेशानी हो रही है. फिल्म नीति के तहत छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए 33 फीसदी सब्सिडी और बॉलीवुड की फिल्म के लिए 25 प्रतिशत छूट दी जानी थी, लेकिन लेकिन निगम में नियुक्ति नहीं होने से सभी काम रुके हैं.
छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने फिल्म विकास निगम के लिए कुछ नहीं किया. बजट का प्रावधान नहीं किया गया, जिससे कोई सब्सिडी फिल्म निर्माण में मिल सके. उनकी मांग है जल्द निगम में नियुक्ति की जाए ताकि छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री का विकास हो सके. संस्कृति विभाग के डायरेक्टर विवेक आचार्य का कहना है कि निगम में नियुक्ति शासन की तरफ से होनी है लेकिन ये नियुक्ति कब होगी, ये कह पाना मुश्किल है.
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