विज्ञापन
This Article is From Jul 12, 2021

भोपाल में यूनियन कार्बाइड की जमीन पर मेमोरियल बनाएगी सरकार, पीड़ितों ने कहा - लीपा-पोती की कोश‍िश

मध्यप्रदेश सरकार यूनियन कार्बाइड में फैला 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा हटाना चाहती है, यहां मेमोरियल बनाना चाहती है.

भोपाल में यूनियन कार्बाइड की जमीन पर मेमोरियल बनाएगी सरकार, पीड़ितों ने कहा - लीपा-पोती की कोश‍िश
भोपाल:

भोपाल गैस त्रासदी, दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक. इस त्रासदी को 36 साल गए, 15,000 लोगों की मौत हुई, 5 लाख से ज्यादा प्रभावित हुए. ये सरकारी आंकड़ा है. यूनियन कार्बाइड की जानलेवा गैस कई पीढ़ियों के लिए धीमा जहर बन गई. अब सरकार यहां करोड़ों खर्च कर मेमोरियल बनाएगी, कचरे का निष्पादन करेगी. हालांकि सरकारी गणित पर कई सवाल हैं. गैस पीड़ितों के संगठन का आरोप है सरकार की ये योजना कंपनी ने पर्यावरण और लोगों पर जो अपराध किये हैं उन्हें सुनियोजित तरीके से दबाने की कोशिश है. 

मध्यप्रदेश सरकार यूनियन कार्बाइड में फैला 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा हटाना चाहती है, यहां मेमोरियल बनाना चाहती है. गैस पीड़ितों का दावा है सरकार का गणित कुल रासायनिक कचरे का बमुश्किल 0.5% हिस्सा है. उनका ये भी दावा है कि खुद आधिकारिक एजेंसियों को भूजल में 6 आर्गेनिक पोलूटेंट्स मिले हैं, जो 100 साल से ज्यादा अपनी विषाक्तता को बनाए रखते हैं. ग्रीनपीस की रिपोर्ट में मिट्टी में पारे की मात्रा सुरक्षित स्तरों की तुलना में कई गुना अधिक पाई गई थी जो दिमाग, फेफड़े और गुर्दे को नुकसान पहुंचाने के अलावा कैंसर कारक हैं.

भोपाल : कोरोना से जान गंवाने वालों की राख से श्मशान घाट में बनाया जा रहा पार्क

भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा कहती हैं, ''17 संस्थाएं जिसमें सीपीसी, नीरी, एनजीआरआई शामिल हैं, उनकी रिपोर्ट कहती है कि सिर्फ एक वेयर हाउस में 337 मिट्रिक टन कचरा है, जबकि 21 जगहों पर जहरीला कचरा दबा है जिसका आंकलन नहीं हुआ है, 32 एकड़ सोलर इवापोरेशन पॉन्ड में 1.7 लाख टन जहरीला कचरा पड़ा है, 48 बस्तियां प्रदूषित होती हैं, इसपर बात नहीं होती कि कैसे इसे साफ किया जाए. 7 से 20 वर्षों में एक लाख से अधिक लोग इन जहरों के संपर्क में आ चुके हैं और जहरीले रसायनों के रिसन की वजह से हर दिन नए लोग इस ज़हर की गिरफ्त में आ रहे हैं.''

भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा रशीदा बी ने कहा, "1990 के बाद से 17 रिपोर्ट जिसमें केंद्र सरकार की शीर्ष अनुसंधान एजेंसियां भी शामिल हैं, उन्होंने भी कारखाना स्थल से 3 किलोमीटर दूर तक भारी मात्रा में कीटनाशकों, भारी धातुओं और जहरीले रसायनों की उपस्थिति की पुष्टि की है. भोपाल में लगातार फैल रहे प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हज़ारों टन जहरीले कचरे को खुदाई करके हटाने की बजाए राज्य सरकार हादसे के स्मारक की आड़ में प्रदूषित भूमि पर कंक्रीट डालने की योजना बना रही है.”

भोपाल गैस कांड : विधवाओं को 18 माह से नहीं मिली पेंशन, दर-दर गुहार लगा रही बूढ़ी महिलाएं

उधर प्रशासन का दावा है कि फैक्ट्री की 87 एकड़ जमीन में से 30 एकड़ पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है. 57 एकड़ में यूनियन कारबाइड फैक्ट्री है, परिसर में बने शेड में करीब 137 मीट्रिक टन कचरा बैग में भरा हुआ रखा है. सरकार का कहना है कि कचरे को हटाने के बाद यहां मेमोरियल बनेगा. करीब 370 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार है. यहां रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट, ओपन थिएटर, कम्युनिटी हॉल होगा. हिरोशिमा की तर्ज पर बनने वाले इस स्मारक को दुनियाभर में भोपाल मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा. मेमोरियल वॉक में कारखाने से रिसाव, अफरा-तफरी और रेस्क्यू की तस्वीरें दिखेंगी.

गैस राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, ''बिना किसी कारण के सिर्फ विरोध की वजह से सैकड़ों एकड़ जमीन जो रोजगार दे सकती थी वो खंडहर पड़ी है, हमने निश्चय किया है गैस पीड़ितों को रोजगार देंगे... उनके घर में उजाला आए, वहां मेमोरियल बनेगा जो कचरा है वहां वैज्ञानिक निष्पादन होगा.''

भोपाल की गैस पीड़ित विधवाओं के लिए खुशखबरी लेकर आया राज्य का बजट

हालांकि सरकार के रोजगार वाले दावे पर सवाल उठाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रचना ठींगरा ने कहा, ''2010 में 100 करोड़ रुपया केन्द्र सरकार ने दिया है आजतक इस पैसे से एक रोजगार नहीं मिला है, इससे सिर्फ डाव को फायदा होगा जिसके आगे हमारी सरकारें नतमस्तक हैं.''

सरकार वैसे गैस पीड़ितों को लेकर कितनी संवेदनशील है उसे गैस पीड़ित विधवाओं के प्रदर्शन से समझें कि 5 दफे हमारे कैमरे पर वायदे, इन्हें कल्याणी बहनें और खुद मुख्यमंत्री के ऐलान के 6 महीने बाद भी मात्र 1000 रुपये की पेंशन 18 महीने बाद भी शुरू नहीं हुई है.

कोरोना से जान गंवाने वालों की याद में भोपाल में बनेगा कोविड स्मृति वन

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com