
हथियार बेचने वाले गिरोह के पास से बरामद सामान.
भोपाल:
मध्यप्रदेश के जबलपुर में एके-47 बेचने का धंधा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. गैंग में सेना में आर्मरर पद से रिटायर हुए एक शख्स के शामिल होने का भी आरोप लगा है. मामले में अभी तक तीन लोग गिरफ्तार हैं, पुलिस का दावा है कि गिरोह साल 2012 से अब तक 70 से ज्यादा एके 47 बेच चुका है.इस मामले में पहली गिरफ्तारी बिहार के मुंगेर में इरफान नाम के शख्स की हुई थी, पुलिस ने उसके पास से तीन एके-47 बरामद किये थे.गिरफ्तारी के बाद मुंगेर के एसपी बाबू राम ने कहा था उसके बैग से 3 एके-47, 7 ब्रिज ब्लॉक, पिस्टन मिला था. ये सामान जबलपुर से कोई व्यक्ति लेकर आया था.आरोप है कि 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में सेना में आर्मरर के पद पर काम कर रहे पुरषोत्तम ने एके 47 की मेंटेनिंग का जो सलीका सीखा,उसका इस्तेमाल 2012 में आर्मी से रिटायर होने के बाद हथियारों की तस्करी में लगाया. इस काम में उसका साथ मिला बिहार के मुंगेर से नियाजुल हसन, इमरान और शमशेर से.
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जबलपुर एसपी अमित सिंह ने बताया ये ऐसे हथियार थे जिसको गलाया जाना था, ई ऑक्शन होना था, ये किसी काम के नहीं थे. पुरुषोत्तम सुरेश को बताता था कि इस हथियार का फलां पार्ट खराब है और वो 2-3 हथियार लाता था, जिससे वो 1-2 गन इस्तेमाल के लायक बना लेता था. पुलिस ने जब आरोपियों के ठिकाने को खंगाला तो वहां से उसे छह लाख कैश पांच प्रतिबंधित बोर के कारतूस,रायफल सुधारने के उपकरण, गाड़ियां, शराब की महंगी बोतलें, कई मकानों के कागजात मिले. पुलिस के मुताबिक इस गैंग को चलाने के लिए सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो में तैनात सुरेश ठाकुर नाम के एक कर्मचारी की मदद लिया करता था. दरअसल जबलपुर में रक्षा मन्त्रालय की कई फैक्ट्रियां और गोदाम हैं.
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जहां सेना के लिए गोला बारूद और हथियार बनाए जाते हैं. सुरेश पर एके 47 सहित कई उपयोग किये गए बेकार हो चुके हथियारों को गोदाम में रखने की जिम्मेदारी थी.एसपी अमित सिंह ने कहा सुरेश ठाकुर अपनी कार की डिक्की में हथियार मिलिट्री के गोडाउन से लाता था, पूछताछ में उसने हमें बताया कि अधिकारी होने के कारण उसकी गाड़ी चेक नहीं होती थी.इस पूरे गोरखधंधे में पुरषोत्तम ने अपने बेटे और बीवी को भी शामिल किया था . बेटा गिरफ्तार हो चुका है, पत्नी फरार है.पुलिस के मुताबिक आरोपी एक, एके-47 चार से पांच लाख रुपये में बेचते थे लेकिन बिहार से ये किसको सप्लाई किया जा रहा था ये पता करने एटीएस, क्राइम ब्रांच के अलावा एनआईए,आईबी सहित आर्मी इंटेलिजेंट्स की टीमें भी जबलपुर में जुटने लगी हैं.
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