वरवर राव को पुणे पुलिस ने हैदराबाद से शनिवार को हिरासत में ले लिया.
- वरवर राव को पुणे पुलिस ने हिरासत में लिया
- माओवादियों से संपर्क रखने का है आरोप
- पुणे पुलिस ने हैदराबाद से किया गिरफ्तार
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पुणे:
माओवादियों से संपर्क रखने के आरोपी तेलुगु कवि वरवर राव को पुणे पुलिस ने एलगार परिषद सम्मेलन के मामले में हैदराबाद से शनिवार को हिरासत में ले लिया. राव अब तक हैदराबाद के अपने घर में नजरबंद थे. पुणे पुलिस के संयुक्त आयुक्त शिवाजी बोडखे ने कहा कि हैदराबाद उच्च न्यायाल द्वारा उनकी नज़रबंदी की बढ़ाई गयी मियाद 15 नवंबर को समाप्त हो गई. पुणे पुलिस ने 26 अक्टूबर को सह-आरोपी अरुण फरेरा और वर्नान गोनसालविस को हिरासत में लिया था, जबकि सुधा भारद्वाज को अगले दिन हिरासत में लिया गया था.
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पुणे पुलिस ने एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, दो अन्य एक्टिविस्ट वर्नोन गोंसाल्विस और अरुण फेरेरा को भी 6 नवंबर तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया था. पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंसाल्विस और अरुण फेरेरा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कथित माओवादियों से संबधों की वजह से इन्हें गिरफ्तार किया गया था. पुणे पुलिस ने इन तीनों को कवि पी वरवरा राव और गौतम नवलाखा के साथ 31 दिसंबर को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन से कथित संबंध के मामले में 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था.
पुणे पुलिस ने वामपंथी विचारक सुधा भारद्वाज को किया गिरफ्तार, वर्नोन गोंसाल्विस और अरुण फेरेरा भी 6 नवंबर तक हिरासत में
इस सम्मेलन के बाद ही कथित तौर पर भीमा-कोरेगांव हिंसा भड़की थी. पुलिस ने आरोप लगाया है कि इस सम्मेलन के कुछ समर्थकों के मओवादी से संबंध हैं.
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इस सम्मेलन के बाद ही कथित तौर पर भीमा-कोरेगांव हिंसा भड़की थी. पुलिस ने आरोप लगाया है कि इस सम्मेलन के कुछ समर्थकों के मओवादी से संबंध हैं.
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