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टोरेस घोटाले में वांटेड आरोपी ने खुद को बताया व्हिसलब्लोअर, किया ये दावा

टोरेस के इस कथित घोटाले की 182 पन्नों की व्हिसलब्लोअर रिपोर्ट लगी है, जिसमें दावा किया गया कि यह धोखाधड़ी साल 2019 में यूक्रेन और रूस के B2B ज्वेलरी घोटाले के पीछे के लोगों द्वारा ऑपरेट किया गया है.

टोरेस घोटाले में वांटेड आरोपी ने खुद को बताया व्हिसलब्लोअर, किया ये दावा
मुंबई:

1,000 करोड़ के कथित टोरेस घोटाले (Torres Scam) में वांटेड आरोपी और कंपनी के पूर्व सीईओ तुआसेफ रेयाज ने खुद को इस स्कैम का व्हिसलब्लोअर बताया है. उनका दावा है कि जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला, उन्होंने 4 जनवरी को संबंधित एजेंसियों को सूचित किया और चल रहे घोटाले को बयान करने वाले डिटेल डॉक्युमेंट्स एन्ड एविडेन्स भी दिए. मुम्बई की शिवाजी पार्क (Shivaji Park) पुलिस इस मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तार कर चुकी है.

आरोपी ने जान को बताया खतरा

टोरेस के इस कथित घोटाले की 182 पन्नों की व्हिसलब्लोअर रिपोर्ट लगी है, जिसमें दावा किया गया कि यह धोखाधड़ी साल 2019 में यूक्रेन और रूस के B2B ज्वेलरी घोटाले के पीछे के लोगों द्वारा ऑपरेट किया गया है. इस मामले को अब आगे की जांच के लिए मुंबई पुलिस की EOW को सौंप दिया गया है. EOW भी इस व्हिसबलोवर कि रिपोर्ट में किये गए दावों की जांच कर रही है. इन डॉक्युमेंट्स को वांटेड आरोपी रेयाज (Reyaz) ने कई एजेंसियों के साथ साझा किया है. इन दस्तावेजों में रेयाज ने दावा किया है कि मामले को सामने लाने का उन्होंने लगातार प्रयास किया और इसी वजह से उनकी जान को खतरा है.

आरोपी ने लगाए क्या आरोप

एजेंसियों को भेजे गए पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि टोरेस ज्वेलरी बिजनेस की आड़ में पोंजी योजना के तहत काम करता है, जिसमें कर चोरी, एक्सेसिव कैश एक्पेंडिचर और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग जैसी फायनेंशियल इरेग्युलेरिटी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि टोरेस स्कैम B2B ज्वैलरी (यूक्रेन) और कैनक्री ज्वैलरी (Turkey) स्कैम के स्किम के स्ट्रक्चर की तरह है जिसे वही सारे लोगों द्वारा चलाया जा रहा था.

एजेंसियों को दी धोखाधड़ी की सूचना 

रेयाज ने कस्टमर्स की सुरक्षा और आगे के आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए इनकम टेक्स, फायनांस और दूसरी एजेंसियों के जानकारी देकर तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. रेयाज ने एजेंसियों को कंपनी के निदेशक और शिवाजी पार्क पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक सर्वेश सुर्वे द्वारा लिखा गया एक पत्र भी दिया है. रेयाज ने दावा किया कि सुर्वे ने संबंधित एजेंसियों को भी धोखाधड़ी की सूचना दी थी और इस योजना को उजागर करते हुए भारत के प्रधान मंत्री को एक पत्र भेजा था.

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