केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बारे में ऐसी मजाकिया टिप्पणी की, जो सुर्खियों में आ गई. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "इस बात की गारंटी नहीं है कि हमारी सरकार चौथी बार भी बनेगी, लेकिन ये तय है कि कि रामदास अठावले मंत्री बनेंगे." जब नितिन गडकरी ने ये टिप्पणी की तो उस वक्त रामदास अठावले भी उन्हीं के साथ मंच पर मौजूद थे. हालांकि इस मजाकिया अंदाज में चुटकी लेने के बाद गडकरी ने साफ कर दिया किया कि वह सिर्फ मजाक कर रहे थे.
रामदास अठावले भी राजनीति के नए मौसम वैज्ञानिक
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता रामदास अठावले तीन बार मंत्री रह चुके हैं. रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार में सहयोगी उनकी पार्टी आरपीआई (ए) को आगामी विधानसभा चुनाव में कम से कम 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए. नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने साथ ही कहा कि आरपीआई-ए अपने पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी और विदर्भ में तीन से चार सीटें मांगेगी, जिसमें उत्तर नागपुर, उमरेड (नागपुर), यवतमाल में उमरखेड़ और वाशिम शामिल हैं.
रामदास अठावले की पार्टी महायुति गठबंधन का हिस्सा
रामदास अठावले की पार्टी महायुति गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आरपीआई-ए ने 18 संभावित सीटों की सूची बनाई है, जिसे वह कुछ दिनों में महायुति सहयोगियों के साथ साझा करेगी और सीट बंटवारे के समझौते में कम से कम 10 से 12 सीटें मिलने की उम्मीद है." उन्होंने कहा कि भाजपा, शिवसेना और एनसीपी को अपने कोटे से उनकी पार्टी के लिए चार-चार सीटें देनी चाहिए.
इस सप्ताह की शुरुआत में पालघर में रामदास अठावले ने दावा किया था कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को महायुति सरकार में शामिल किए जाने के कारण आरपीआई (ए) को वादे के बावजूद राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिला. उन्होंने दावा किया कि पार्टी को कैबिनेट पद, दो निगमों की अध्यक्षता और जिला स्तरीय समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था, लेकिन पवार के शामिल होने के कारण यह सब नहीं हो सका.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए नवंबर में चुनाव होने की संभावना है. मौजूदा विधानसभा में भाजपा 103 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद शिवसेना 40, एनसीपी 41, कांग्रेस 40, शिवसेना (यूबीटी) 15, एनसीपी (एसपी) 13 और अन्य 29 हैं, कुछ सीटें खाली हैं.
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