
महाराष्ट्र के नागपुर के गरबा पंडाल इस बार चर्चाओं में है. चर्चा की वजह कुछ और नहीं बल्कि यहां (गरबा पंडाल में) आने वाले लोगों को लेकर जारी किया गा प्रोटोकॉल है. आयोजकों के अनुसार अगर आपको इन पंडालों में जाना है तो आपके पास कुछ जरूरी पहचान पत्र का होना जरूरी है. इन पंडालों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था के लिए पुरुष और महिला बाउंसर की तैनाती की गई है. जिन भी लोगों को इन पंडालों में गरबा के लिए जाना है उन्हें अपने पास अपना आधार कार्ड रखना होगा.
विश्व हिंदू परिषद ने हाल ही में इस तरह निर्देश जारी किए थे जिसके बाद इस वर्ष इन पंडालों में बड़ा बदलाव किया गया है. इन बदलावों में, इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि प्रवेश से पहले वराह अवतार के चित्र को प्रणाम करना और माथे पर तिलक लगवाना अनिवार्य है. तभी पंडाल में प्रवेश दिया जा रहा है. नागपुर के कुछ गरबा पंडालों में भेंट के दौरान यह बात सामने आई है.
रीजनल पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के करीब एक गरबा पंडाल के आयोजक यश तुमाने ने बताया कि इसके पहले कई बार इस तरह के आयोजनों में अनावश्यक घटनाएं होती हैं जिन्हें कुछ एहतियात से टाला जा सकता है। हम यहां पारम्परिक तरीके से अपना उत्सव मनाना चाहते हैं, इसलिए कुछ कदम उठाए हैं.एक अन्य गरबा पंडाल के आयोजक ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कहा कि नवरात्रि पर्व में शांति भंग होने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह पूजा का स्थान है, लेकिन जिनका उद्देश्य माता की आराधना या आस्था नहीं, उनको यहां पधारने का कोई अन्य कारण भी नहीं होना चाहिए. क्या हम अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम नहीं उठा सकते. हमें यह अधिकार है. इन एहतियाती कदमों से पुलिस का सरदर्द भी कम होगा, ऐसी उम्मीद है.
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