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This Article is From Jun 07, 2017

महाराष्ट्र : किसान नेता राजू शेट्टी को फडणवीस सरकार का हिस्सा बनने पर पछतावा

स्वाभिमानी शेतकारी संगठन महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बना रहेगा या नहीं, फैसला पार्टी की अगली बैठक में होगा

महाराष्ट्र : किसान नेता राजू शेट्टी को फडणवीस सरकार का हिस्सा बनने पर पछतावा
महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा स्वाभिमानी शेतकारी संगठन राज्य सरकार का हिस्सा रहेगा या नहीं, इसका फैसला जल्द लेगा.
  • किसान आंदोलन के जरिए सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आया एसएसएस
  • शेट्टी ने कहा, भाजपा बुद्धिजीवियों से भरी, किसानों के लिए कोई समय नहीं
  • सरकार ने किसानों का विश्वास खो दिया, मांग पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल
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मुंबई: पश्चिम महाराष्ट्र में प्रभाव रखने वाली पार्टी स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जल्द ही यह फैसला लेगी कि वह राज्य सरकार का हिस्सा बनी रहेगी या नहीं. यह पार्टी किसान आंदोलन के जरिए सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आ गई है. इस पार्टी के नेता सांसद राजू शेट्टी का कहना है कि वे फडणवीस सरकार का हिस्सा बनने पर पछता रहे हैं.    

स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) नेता राजू शेट्टी ने मंगलवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी इसका जल्द निर्णय करेगी कि वह भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बनी रहेगी या नहीं. हातकणंगले लोकसभा सीट से सांसद शेट्टी ने कहा कि फडणवीस सरकार का हिस्सा होने पर पछतावा है.

शेट्टी ने मुंबई से करीब 385 किलोमीटर दूर मिराज में राज्य सरकार का हिस्सा होने को लेकर कहा, ‘‘क्या किया जाना चाहिए, इसका निर्णय स्वाभिमानी शेतकारी संगठन की आगामी बैठक में किया जाएगा.’’ शेट्टी कृषि सुधार के मुद्दे को लेकर भाजपा के साथ टकराव की राह पर हैं और उन्होंने तुअर दाल खरीद में गड़बड़ी और किसानों के ऋण माफी में देरी को लेकर खुले तौर पर अपनी निराशा व्यक्त की है.

पश्चिमी महाराष्ट्र में कुछ जिलों में उनके प्रभाव से भाजपा को आम चुनाव और विधानसभा चुनाव में मदद मिली थी. शेट्टी ने कहा, ‘‘भाजपा नीत सरकार ऐसे निर्णय नहीं कर सकती जिससे किसानों को लाभ हो. भाजपा बुद्धिजीवियों से भरी हुई है जिनके पास किसानों के लिए कोई समय नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह रुख पार्टी को आगामी दिनों में मुश्किल में डालेगा. किसानों का इस सरकार में विश्वास खो रहा है और मांग पूरी होने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी.’’

स्वाभिमानी शेतकारी संगठन यदि राज्य की बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार से नाता तोड़ लेता है तो इससे राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम इस गठबंधन के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं. खास तौर पर महाराष्ट्र में पिछले चुनाव से वर्चस्व हासिल करने वाली बीजेपी के लिए किसानों की इस पार्टी से नाता तोड़ना कुछ हद तक नुकसान दे सकता है. पिछले चुनावों में पश्चिम महाराष्ट्र में इस पार्टी का समर्थन बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा है.
(इनपुट एजेंसी से)

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