
महाराष्ट्र के जालना जिले में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में 34.97 करोड़ रुपए के घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए 11 और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. इसके बाद निलंबित निलंबित कर्मचारियों की कुल संख्या बढ़कर के 21 हो गई है. घोटाले में संलिप्तता के संदेह में 35 अतिरिक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरु की गई है.
कथित तौर पर यह घोटाला किसानों को प्रतिकूल मौसम की घटनाओं के कारण दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में हुआ है, जिसमें कुल 34.97 करोड़ रुपए का गबन किया गया है.
पहले 11 पटवारियों को किया था निलंबित
आरोप है की यह राशि स्थानीय सरकारी कर्मचारियों के एक नेटवर्क द्वारा कथित तौर पर हड़पी गई, जिसमें पटवारी, ग्रामसेवक और कृषि सहायक शामिल थे.
जिला कलेक्टर ने 13 जून को प्रारंभिक जांच के बाद 10 पटवारियों को निलंबित किया था. इनमें से कुछ पर अकेले एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि गबन करने का आरोप है.
ऑडिट के बाद सामने आया था घोटाला
यह घोटाला उस वक्त सामने आया जब अम्बड और घनसावंगी तहसीलों में वर्ष 2022 से 2024 के बीच 26 अधिकारियों द्वारा 34.97 करोड़ रुपए की अनियमितता की बात प्रारंभिक ऑडिट में सामने आई.
आपको बता दें जालना जिले के इस घोटाले के बाद प्रशासन ने मराठवाडा के सभी जिलों में आपदाओं से प्रभावित किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की ऑडिट करने के आदेश दिए हैं.
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