
बॉलीवुड एक्टर डीनो मोरिया के घर ईडी की छापेमारी हो रही है. डीनो मोरिया के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का ये एक्शन मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में हो रहा है. इससे पहले भी इसी मामले में अभिनेता डिनो मोरिया से लंबी पूछताछ हो चुकी है. मीठी नदी से गाद निकालने के घोटाले की जांच जब से तेज हुई है, तब से डीनो मोरिया की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मीठी नदी से गाद निकाले जाने से जुड़े ‘‘घोटाले'' से संबंधित धन शोधन मामले की जांच के तहत महाराष्ट्र और केरल में छापेमारी की.
क्या है मीठी नदी घोटाला
मुंबई की मीठी नदी, जो शहर के लिए जल निकासी का एक अहम रास्ता है, उसकी सफाई के नाम पर 65 करोड़ रुपये का कथित घोटाला सामने आया है. यह घोटाला पिछले 20 सालों से चल रही मीठी नदी की गाद निकालने (डिसिल्टिंग) की परियोजना से जुड़ा है, जिसका मकसद मुंबई में बाढ़ और जलजमाव को रोकना था. लेकिन इस प्रोजेक्ट में भारी वित्तीय अनियमितताओं ने शहर की मानसून तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मीठी नदी मुंबई से होकर बहती है और अरब सागर में मिल जाती है. आरोप है कि गाद निकालने के लिए विशेष ‘ड्रेजिंग' उपकरण किराए पर लेने के टेंडर में कुछ आपूर्तिकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए हेरफेर किया गया था.
घोटाले का विवरण-
- यह मामला बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा मीठी नदी की सफाई के लिए दी गई ठेकेदारी से जुड़ा हुआ है.
- इस मामले की जांच में पता चला कि स्पेशल ड्रेजिंग इक्विपमेंट्स और स्लज पुशर मशीनों को किराए पर लेने के टेंडरों में हेराफेरी हुई.
- टेंडर प्रक्रिया में शर्तें जोड़कर कुछ पसंदीदा सप्लायर्स को फायदा पहुंचाया गया, जिससे दूसरों के लिए प्रतिस्पर्धा असंभव हो गई.
- मशीनें कोच्चि की कंपनी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से ऊंचे दामों पर किराए पर ली गईं.
- बीएमसी के अधिकारियों, ठेकेदारों और बिचौलियों ने मिलकर इसमें हेराफेरी की.
बीएमसी को 65 करोड़ का नुकसान
आरोप है कि इस घोटाले के कारण बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को 65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी मुंबई और कोच्चि में स्थित 15 से अधिक परिसरों पर की गई. सूत्रों ने बताया कि जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है. बीएमसी के कुछ अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ ईडी का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की प्राथमिकी से उपजा है, जो मीठी नदी से गाद निकालने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए दर्ज की गई थी. बताया जाता है कि इन अनियमितताओं के कारण बीएमसी को 65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. ईओडब्ल्यू ने घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदारों सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
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