मुंबई:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुंबई में कहा कि देश में अब बेईमानों को डरना ही पड़ेगा. गरीबों का हक तो चुकाना ही होगा. 50 दिन के बाद ईमानदारों की तकलीफ कम होगी, जबकि बेईमानों की तकलीफ़ बढ़नी शुरू होगी.
प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य अंश...
प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य अंश...
- विश्व के इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसी हस्ती नहीं हुई.
- छत्रपति शिवाजी महाराज ने सुशासन, प्रशासन का अध्याय लिखा.
- शिवाजी का व्यक्तित्व बहुआयामी था. शिवाजी महाराज पराक्रमी थे. वे हम सबकी प्रेरणा हैं.
- शिवाजी प्रतिमा पर देश को गर्व होगा.
- विकास वो जो टिकाऊ हो.
- हमारी सरकार ने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये कर दी.
- गरीबों को लकड़ी के चूल्हे से मुक्त करवाया.
- हमने 1000 दिन में 18,000 गांव रोशन किए.
- देश बदलेगा भी, बढ़ेगा भी.
- 18,000 गांव 18वीं शताब्दी में जी रहे थे.
- अकेले मुंबई में एक ही कार्यक्रम में एक लाख 6 हजार करोड़ रुपयों से ज्यादा विकास के कामों का शुभारंभ हुआ. यह शायद मुंबई में विकास के शुभारंभ की बड़ी घटना होगी. यह हम करके दिखाते हैं.
- आज मुंबई की धरती पर अाया हूं, तो पूरे प्रदेश की जनता का सिर झुकाकर अभिनंदन करना चाहता हूं.
- हमारे देश में एक आदत सी बन गई है कि आप कुछ अच्छा कर रहे हैं, इसका सबूत क्या.
- हमने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ सरकार के बनने से लड़ाई शुरू की.
- 8 नवंबर की रात हमने जाली नोट, काला धन, भष्टाचार पर बहुत बड़ा हमला बोला.
- मैंने गोवा में कहा था कि ये लड़ाई सामान्य नहीं है. 70 साल तक जिस-जिसने मलाई खाई है, ऐसे तगड़े-तगड़े लोगों ने इसे सफल न होने देने के लिए पूरी ताकत लगा दी. किसी ने भी ताकत लगाने में कमी नहीं छोड़ी, लेकिन सवा सौ करोड़ देशवासियों के संकल्प के सामने ये लोग टिक नहीं सकते थे.
- सवा सौ करोड़ लोगों का देश ऐसे लोगों से पराजित नहीं हो सकता.
- एक के बाद एक परत खुलती जा रही हैं.
- बैंक में आने के बाद काम ख़त्म नहीं हो गया है. बैंक में आने के बाद ही तो काम शुरू हुआ है.
- काले-गोरे के खेल वालों, आप तो मरे तो मरे... बैंक वालों को भी मरवा दिया.
- मैंने देशवासियों से कहा था कि आपको 50 दिन तक तकलीफ होती रहेगी और देश के लोगों ने देश के भविष्य के लिए इन तकलीफों को झेला है और झेलेंगे ये मेरा पूरा विश्वास है.
- 50 दिन के बाद ईमानदार लोगों की तकलीफ कम होनी शुरू होगी और बेईमानों की तकलीफ बढनी शुरू होगी.
- मैं बेईमान लोगों से कहना चाहूंगा कि देश के कानून को स्वीकार कीजिए, नियमों को मानिए और हर नागरिक की तरह आप भी सुख-चैन की जिंदगी जीने के लिए आइये, मैं आपका स्वागत करता हूं.
- बेईमानों को गरीबों का हक चुकाना ही होगा, बख्शा नहीं जाएगा.
- अब बेईमानों की बर्बादी का वक्त आ रहा है.
- देश की भलाई के लिए साफ सुथरा जीवन, प्रशासन हो.
- ये सरकार आपको परेशान करने के लिए नहीं.
- अगर बेईमानों को मोदी या सरकार से डर नहीं लगता हो.. न लगे, लेकिन बेईमान लोगों को सवा सौ करोड़ देशवासियों के आगे झुकना ही होगा.
- देश से वादा है, ये लड़ाई तब तक नहीं रूकेगी, जब तक हम जीतेंगे नहीं.
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