Maharashtra: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि राज्य में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार अपने इस रुख पर अडिग है कि स्थानीय निकायों के लिए 21 दिसंबर को होने वाले चुनाव या तो ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों सहित सभी सीटों पर होने चाहिए या इन्हें पूरी तरह स्थगित कर दिया जाए.पवार ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा कि अगर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव होते हैं, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों पर नहीं होते तो यह ''ठीक नहीं होगा.'' सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र में उन सीटों पर स्थानीय निकाय चुनाव कराने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी, जहां ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत तक आरक्षण है. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि अन्य सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी.
शीर्ष अदालत ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था. इनमें से एक याचिका में कहा गया था कि एक अध्यादेश के माध्यम से शामिल/संशोधित प्रावधान समूचे महाराष्ट्र में संबंधित स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग के नागरिकों के लिये समान रूप से 27 प्रतिशत आरक्षण की इजाजत देते हैं.पवार ने कहा, ''एमवीए सरकार अपने इस विचार पर अडिग है कि या तो सभी सीटों पर चुनाव कराये जाने चाहिए या इन्हें पूरी तरह स्थगित कर दिया जाना चाहिए.''
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार ने किसी दल का नाम लिये बगैर, विपक्ष पर ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण के मुद्दे पर ''''बिना वजह भ्रम पैदा करने'' का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''कोई भी पार्टी सत्ता में हो, वह सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है. इसलिए, सरकार का यह विचार नहीं है कि किसी के साथ अन्याय किया जाये.''सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा था कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर सभी सीटों पर जिला पंचायतों एवं पंचायत समितियों के चुनाव 21 दिसंबर को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे.
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