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MP के श्रमिक हितग्राहियों को 160 करोड़ रुपये का 'संबल'; CM मोहन ने कहा- अब ₹7383 करोड़ की सहायता मिली

Sambal Yojana: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब पत्थर तोड़ने वाले, ईंट बनाने वाले, पापड़ अचार बनाने वाले, खाना बनाने वाले, घरों में काम करने वाले मजदूर या तेंदूपत्ता बीनने वाले सभी श्रमिक और उनके परिवार इस योजना से जुड़कर आर्थिक मदद पा रहे हैं. साथ ही प्रदेश की कुशल श्रम शक्ति को सहकारिता के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए हमने "श्रमणा" जैसी योजनाएं भी शुरू की हैं, जिससे श्रमिक वर्ग आत्मनिर्भर बन सकें.

MP के श्रमिक हितग्राहियों को 160 करोड़ रुपये का 'संबल'; CM मोहन ने कहा- अब ₹7383 करोड़ की सहायता मिली
Sambal Yojana: MP के श्रमिक हितग्राहियों को 160 करोड़ रुपये का 'संबल'; CM मोहन ने कहा- अब ₹7383 करोड़ की सहायता मिली

Sambal Yojana MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश के 55 जिलों के 7227 सम्बल (Sambal Yojana) हितग्राहियों के बैंक खाते में 160 करोड़ रुपए की अनुग्रह सहायता राशि अंतरित की. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस योजना के प्रारंभ वर्ष 2018 से लेकर अब तक 7.76 लाख प्रकरणों में 7383 करोड़ रुपए की सहायता राशि जरूरतमंद हितग्राहियों को दी जा चुकी है. सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार हर उस जरूरतमंद तक योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है, जो इसके वास्तविक हकदार हैं. हमारी सरकार गरीब, लाचार, श्रमिक, निराश्रित और जरूरतमंद नागरिकों को स्नेह, अपनत्व, स्वावलंबन और आर्थिक सहायता का संबल देती रहेगी. प्रदेश की जनता के सुख-दुख में सरकार हमेशा साथ खड़ी है.

गिग वर्कर्स भी शामिल

मुख्यमंत्री ने कहा कि संबल योजना श्रमिकों के कठिन समय की सच्ची साथी है. सरकार हर परिस्थिति में श्रमिकों के साथ खड़ी है. संबल योजना सिर्फ़ आर्थिक सहायता का जरिया ही नहीं, यह सरकार और श्रमिकों के बीच आपसी भरोसे का रिश्ता भी है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समय के साथ श्रम के स्वरूप भी बदले हैं. हमारी सरकार ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को असंगठित श्रमिक का दर्जा दिया है. एक मार्च 2024 से इन्हें भी संबल योजना के दायरे में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि अब तक 1400 से अधिक गिग वर्कर्स पंजीकृत किए गए हैं.

गरीबों और श्रमिकों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए हमने संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत योजना से भी जोड़ दिया है. इससे उन्हें भी 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज मिल रहा है. साथ ही 25 लाख से अधिक नए ई-श्रमिक परिवारों को राशन पात्रता देकर उन्हें भी निःशुल्क राशन का लाभ दिया गया है. गर्भवती बहनों के लिए भी सरकार बेहद संवेदनशील है. गर्भावस्था के दौरान उन्हें काम पर न जाना पड़े और उन्हें पोषण की कमी न हो, इसी उद्देश्य से ऐसी बहनों को 16 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है.

हमारी सरकार हर गरीब और श्रमिक वर्ग के साथ : CM मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब पत्थर तोड़ने वाले, ईंट बनाने वाले, पापड़ अचार बनाने वाले, खाना बनाने वाले, घरों में काम करने वाले मजदूर या तेंदूपत्ता बीनने वाले सभी श्रमिक और उनके परिवार इस योजना से जुड़कर आर्थिक मदद पा रहे हैं. साथ ही प्रदेश की कुशल श्रम शक्ति को सहकारिता के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए हमने "श्रमणा" जैसी योजनाएं भी शुरू की हैं, जिससे श्रमिक वर्ग आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हर गरीब और श्रमिक वर्ग के साथ हर कदम पर खड़ी है. कोई भी श्रमिक परिवार खुद को असहाय न समझे. श्रमिक भाई सरकार की सभी सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठायें. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में कठिनाई कभी बताकर नहीं आती. ऐसी स्थिति में जमा-पूंजी (पैसा) ही हमें संबल देता है. राज्य सरकार सभी श्रमिक परिवारों के हर मुश्किल वक्त में साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि संबल योजना सभी को एक माला की तरह साथ जोड़कर रखती है.

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