
MP Missing Childrens: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल से बच्चों और बच्चियों के लापता होने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बीते साढ़े 4 साल में सागर संभाग के छह जिलों से अब तक कुल 6172 बच्चे गायब हो चुके हैं, इनमें गुमशुदा हुई बच्चियों के मामले सबसे अधिक चिंताजनक हैं, क्योंकि कई नाबालिग बेटियां वर्षों बाद भी नहीं मिल पाई हैं.
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लापता बच्चियों के मामलों में प्रदेश में नंबर वन है इंदौर
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बच्चियों के गायब होने के मामलों में प्रदेश में सबसे ऊपर इंदौर है, जहां 2702 बच्चियां लापता हुईं हैं. धार जिले में 2222 बच्चियां, जबलपुर में 2048 और राजधानी भोपाल में 1515 और सागर जिल में 1743 बच्चियां लापता है, जबकि ग्वालियर में 1268 और उज्जैन में 1079 बच्चियों के गुमशुदगी के केस दर्ज हुए हैं.
छोटे शहरों से बच्चियों के गायब होने के मामले अधिक हैं
विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से बच्चियों के गायब होने के मामले अधिक सामने आ रहे हैं. कई नाबालिग बेटियां वर्षों बाद भी नहीं मिल पाई हैं. मामले पर आईजी सागर रेंज का कहना है कि लापता बच्चों की तलाश के लिए पुलिस की कोशिशें जारी हैं.
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'ऑपरेशन मुस्कान' के जरिए गुमशुदा को तलाश रही पुलिस
मध्य प्रदेश में लापता हो रहे बच्चों और बच्चियों पर प्रतिक्रिया देते हुए सागर रेंज की आईजी हिमानी खन्ना ने कहा कि, “हम ‘ऑपरेशन मुस्कान' के जरिए गुमशुदा बच्चों को तलाश रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन मुस्कान अभियान से अच्छे नतीजे मिल रहे हैं और हमें विश्वास है कि जल्द ही सभी बच्चों को खोज लिया जाएगा.
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