- गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सिंधु जल संधि और यमुना प्रदूषण पर दो अहम बैठक हुई.
- बैठक में सिंधु जल संधि स्थगित करने के बाद जल के अधिकतम उपयोग की रणनीति और प्रस्तावित परियोजनाओं पर चर्चा हुई.
- जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी बैठक में उपस्थित थे.
सिंधु जल संधि और यमुना प्रदूषण पर गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दो अहम बैठक हुई. जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी बैठक में मौजूद थे. बैठक में सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद उसके जल के अधिकतम उपयोग की रणनीति पर चर्चा करना और प्रस्तावित परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई. इस बैठक में अब तक उठाए गए कदमों की प्रगति की समीक्षा की गई.
साथ ही उन सर्वेक्षणों की प्रगति की समीक्षा भी हुई, जिन्हें दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए उपयोग में लाना है. ताकि पानी को मोड़ा जा सके. कोशिश यह है कि अतिरिक्त जल पाकिस्तान में न जाकर भारत में विभिन्न उपयोग में आ सके. रविवार की बैठक में दिल्ली-एनसीआर में यमुना जल के प्रदूषण पर भी चर्चा की गई. मोदी सरकार ने अगले पांच साल में यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा है.
बता दें इस साल 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपाय किए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को ‘‘स्थगित'' करना भी शामिल था. विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह संधि 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के वितरण और उपयोग को नियंत्रित करती रही है.
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