मुलायम सिंह यादव और मायावती (फाइल फोटो)
लखनऊ:
बीएसपी अध्यक्ष मायावती के 60 वें बर्थडे के मौके पर मायावती और अखिलेश यादव के बीच ज़ुबानी जंग छिड़ गई। मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह यादव अपना जन्मदिन इतने शाही अंदाज में मानते हैं कि डॉक्टर लोहिया अगर आज जिंदा होते तो उन्हें पार्टी से निकाल देते। इस पर अखिलेश ने पलटवार किया कि "मुलायम सिंह का जन्मदिन तो उनके बेटे ने मनाया था, लेकिन मायावती तो अपना जन्मदिन कंटिंजेंसी फंड (यानी अचानक कोई मुसीबत पड़ जाने पर खर्च के लिए रिज़र्व किए गए सरकारी फंड) से मनाती थीं।
मुलायम और मोदी को बनाया निशाना
मायावती ने लखनऊ में अपने जन्मदिन के मौके पर मुलायम और मोदी दोनों पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि "यूपी के 75 में से 50 जिलों में सूखा पड़ा है लेकिन इसके बावजूद सैफई में सरकारी खर्च से महोत्सव मनाया गया। यह लोहिया का समाजवाद नहीं, बल्कि यह मुलायम का समाजवाद है। जनता को इस समाजवाद से होशियार रहना चाहिए।"
जन्मदिन यानी जन कल्याणकारी दिवस
मायावती ने अपने बर्थडे को लेकर कहा कि वह इसे जन कल्याणकारी दिवस के तौर पर मनाती हैं। इस दिन उनकी पार्टी के लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। मायावती ने सफाई दी कि "पहले मेरे समर्थक मेरे जन्मदिन पर छोटी-छोटी धनराशि मुझे भेंट करते थे, लेकिन सीबीआई रेड के बाद उनसे मैंने कहा है कि वे मुझे आर्थिक मदद देने के बजाए पार्टी कोष में दें।"
मोदी दे सकते हैं यूपी को प्रलोभन
मायावती ने अंदेशा जाहिर किया कि बीजेपी यूपी विधानसभा चुनाव से पहले फिर मंदिर मुद्दा गरमाएगी। उन्होंने जनता से कहा कि "इस चुनाव में मुद्दा मंदिर नहीं बल्कि खराब कानून-व्यवस्था होना चाहिए।" मायावती जन्मदिन पर मोदी पर भी हमलावर थीं। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद उन्होंने वाराणसी के अलावा पूरे राज्य की उपेक्षा की है लेकिन बिहार की तरह चुनाव से पहले वह यूपी के लिए भी कुछ प्रलोभनों की घोषणा कर सकते हैं।
मुलायम और मोदी को बनाया निशाना
मायावती ने लखनऊ में अपने जन्मदिन के मौके पर मुलायम और मोदी दोनों पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि "यूपी के 75 में से 50 जिलों में सूखा पड़ा है लेकिन इसके बावजूद सैफई में सरकारी खर्च से महोत्सव मनाया गया। यह लोहिया का समाजवाद नहीं, बल्कि यह मुलायम का समाजवाद है। जनता को इस समाजवाद से होशियार रहना चाहिए।"
जन्मदिन यानी जन कल्याणकारी दिवस
मायावती ने अपने बर्थडे को लेकर कहा कि वह इसे जन कल्याणकारी दिवस के तौर पर मनाती हैं। इस दिन उनकी पार्टी के लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। मायावती ने सफाई दी कि "पहले मेरे समर्थक मेरे जन्मदिन पर छोटी-छोटी धनराशि मुझे भेंट करते थे, लेकिन सीबीआई रेड के बाद उनसे मैंने कहा है कि वे मुझे आर्थिक मदद देने के बजाए पार्टी कोष में दें।"
मोदी दे सकते हैं यूपी को प्रलोभन
मायावती ने अंदेशा जाहिर किया कि बीजेपी यूपी विधानसभा चुनाव से पहले फिर मंदिर मुद्दा गरमाएगी। उन्होंने जनता से कहा कि "इस चुनाव में मुद्दा मंदिर नहीं बल्कि खराब कानून-व्यवस्था होना चाहिए।" मायावती जन्मदिन पर मोदी पर भी हमलावर थीं। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद उन्होंने वाराणसी के अलावा पूरे राज्य की उपेक्षा की है लेकिन बिहार की तरह चुनाव से पहले वह यूपी के लिए भी कुछ प्रलोभनों की घोषणा कर सकते हैं।
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