उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दो ट्वीट किया. इसमें उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेव जी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता. सीएम योगी शुक्रवार को यूपी के संभल में चुनावी रैली संबोधित करने से पहले किया. इससे पहले योगी आदित्यनाथ पर विवादित बयान की वजह से चुनाव आयोग 72 घंटे पर चुनावी सभा व रोड शो पर रोक लगाया था. जिसके बाद से उन्होंने शुक्रवार को अपनी पहली चुनावी रैली संभल में की.
मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेव जी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नही देखा जाना चाहिए। मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता।
— Chowkidar Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 19, 2019
सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा, ''मेरे रग रग में राम, कण कण में कृष्ण, प्रत्येक शिरा में शिव और प्रत्येक धमनी में धर्म व कर्तव्य बोध निरंतर प्रवाहित होता रहता है. आज मैं फिर कहना चाहूंगा कि मेरी धार्मिक पहचान हिन्दू है, वह हिन्दू जो भारत मे रहने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान समान भाव से आदिकाल से करता आ रहा है.'' बता दें, साल 2014 के चुनाव में बीजेपी उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करते हुए 73 सीटों पर काबिज़ हुई थी. इस बार भी दावा 73 नहीं बल्कि 74 सीटों का है. लेकिन सीट दावों से नहीं, समीकरणों से मिलती है और इस दफे सपा-बसपा के गठबंधन ने बीजेपी के इस समीकरण को गड़बड़ा दिया हैं. यही वजह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब दलित-यादव यानी 'DY' फॉर्मूले को तोड़ने में जुट गए हैं.
मेरे रग रग में राम,कण कण में कृष्ण, प्रत्येक शिरा में शिव और प्रत्येक धमनी में धर्म व कर्तव्य बोध निरंतर प्रवाहित होता रहता है
— Chowkidar Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 19, 2019
आज मैं फिर कहना चाहूंगा कि मेरी धार्मिक पहचान हिन्दू है,वह हिन्दू जो भारत मे रहने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान समान भाव से आदिकाल से करता आ रहा है।
विवादित बयान के बाद चुनाव आयोग के तीन दिन के प्रतिबंध के बाद से ही सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही सीधे चुनाव प्रचार न कर रहे हों पर शहर-शहर मंदिर और मठों का दौरा कर संदेश जरूर दे रहे हैं. लखनऊ में उसके बाद वे अयोध्या पहुंचे जहां उन्होंने मंदिर दर्शन के बाद दलित के घर भोजन कर एक बड़ा सन्देश देने की कोशिश की.
गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में बीजेपी बहुत हद तक दलितों के वोट में सेंध लगाने में कामयाब हो गई थी इसे अपने पाले में बरकरार रखने के लिये बीजेपी लगातार कवायद भी करती रही. दलितों के भगवान संत रविदास के मंदिर में पीएम से लेकर सीएम तक न सिर्फ कई बार आ चुके है बल्कि यहां लंगर चखकर इस इलाके के विकास के लिए भी कई योजनाओं की घोषणा भी की है. अब एक बार फिर योगी दलितों के घर भोजन कर उनसे नज़दीकी बढ़ाने की अपनी मुहिम शुरू की है.
Video: योगी आदित्यनाथ, मायावती पर चुनाव आयोग का बैन
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