विज्ञापन
This Article is From Feb 09, 2019

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आखिर क्यों बिखर रहा है NDA का कुनबा?

लोकसभा चुनाव (General Election 2019) में अब कुछ महीने बचे हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए वापसी के लिए जोरशोर से प्रयास में जुटा है.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आखिर क्यों बिखर रहा है NDA का कुनबा?
एक-एक कर एनडीए (National Democratic Alliance) के घटक दल बीजेपी को आंखे दिखा रहे हैं. (प्रतिकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (General Election 2019) में अब कुछ महीने बचे हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए वापसी के लिए जोरशोर से प्रयास में जुटा है, लेकिन अब चुनाव की दहलीज पर आकर बीजेपी के लिए एनडीए (National Democratic Alliance) का कुनबा संभालना मुश्किल हो रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने 282 सीटें हासिल की थीं, तो वहीं एनडीए के सहयोगियों ने 54 सीटों पर कब्जा जमाया. इस तरह यह आंकड़ा 335 तक पहुंचा, लेकिन उप-चुनावों में बीजेपी की हार और एक-एक कर सहयोगियों का साथ छोड़ने के बाद अब NDA वैसा नहीं रहा है, जैसा 2014 में था. चंद्रबाबू नायडू और उपेंद्र कुशवाहा जैसे कद्दावर नेताओं का साथ छूटने के बाद अब शिवसेना, अकाली दल और अपना दल जैसी पार्टियां एनडीए से अलग होने की धमकी दे रही हैं. यानी गठबंधन में गांठ पड़ती दिख रही है. अगर बीजेपी इस गठबंधन की गांठ खोलने में नाकाम रही तो 2019 की तस्वीर कुछ और होगी.  

NDA में 'नाराज' अपना दल की अनुप्रिया पटेल बोलीं: हार से सबक ले बीजेपी

शिवसेना दिखा रही है आंख 

एनडीए के महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक शिवसेना लगातार बीजेपी को आंख दिखाती रही है. यहां तक कि पिछले दिनों खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की, लेकिन शिवसेना का रवैया जस का तस यानी आंख दिखाने वाला ही रहा. दो दिन पहले ही शिवसेना ने राजग से अलग होने की धमकी दे डालीशिवसेना ने कहा,'वह पहले भी अकेले चली थी और आगे भी चल सकती है'. यानी सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. कहा जा रहा है कि शिवसेना महाराष्ट्र में बीजेपी के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और दबाव की राजनीति कर रही है. चर्चा इस बात की भी है कि बीजेपी शिवसेना की मांग मानते हुए महाराष्ट्र में भी 'बिहार फार्मूला' के तहत चुनावी समर में उतर सकती है. 

क्या लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को लग सकता है एक और झटका?, अब अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने दी चेतावनी

अकाली दल दे चुका है ईंट से ईंट बजाने की धमकी

2014 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित बैठक में पीएम मोदी के ठीक बगल में बैठने वालों में अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल भी थे. इसी से बादल के कद का अंदाजा लगाया जा सकता है. लेकिन 2014 के बाद चीजें बदल गई हैं. अब अकाली दल भी आंखें तरेर रहा है. हाल ही में अकाली दल ने गुरुद्वारा मामले में दखलअंदाजी को लेकर बीजेपी को अल्टीमेटम दे दिया और कहा कि बीजेपी ने अगर तख्त, गुरुद्वारा मामले में दखलंदाजी बंद नहीं की तो गठबंधन हमारे लिए मायने नहीं रखेगा. हम बीजेपी सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे. यानी बीजेपी के लिए डगर मुश्किल है.

एनडीए को लग सकता है झटका, अब इस पार्टी ने कहा- 'पहले अकेले चले थे और फिर चल सकते हैं' 

इन दलों की राह भी हो सकती है जुदा 

शिवसेना और अकाली दल के अलावा अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छी पकड़ रखने वाली ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी और अनुप्रिया पटेल का अपना दल भी लगातार एनडीए से अलग होने की धमकी देते रहे हैं. अनुप्रिया पटेल और राजभर की तमाम मुद्दों पर जहां बीजेपी से जुदा राह रही है, तो वहीं पूर्वोत्तर में जी-जान से जुटी बीजेपी को मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष कॉनराड संगमा (Meghalaya CM Conrad Sangma) ने लगभग धमकी दे डाली. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए सरकार (NDA Govt) के साथ संबंधों को तोड़ने के लिए 'उचित समय' का इंतजार कर रही है. आपको बता दें कि नेशनल पीपुल्स पार्टी विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 के मसले पर बीजेपी से ख़फा 

BJP को एक और झटका? सहयोगी दल ने कहा NDA से अलग होने के लिए सही समय का इंतजार 

वीडियो- NDA सरकार से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com