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This Article is From Mar 22, 2019

लोकसभा चुनाव : गौतमबुद्धनगर में भाजपा और गठबंधन के उम्मीदवार में कांटे की टक्कर

गांव के वोट होंगे निर्णायक, तीन प्रमुख उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए, 11 अप्रैल को होगा मतदान

डॉ महेश शर्मा एक बार फिर गौतमबुद्ध नगर से चुनाव लड़ रहे हैं.

Quick Take
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भाजपा ने फिर से डॉ महेश शर्मा को टिकट दिया
सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार सतवीर नागर
कांग्रेस ने युवा चेहरा अरविंद सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया
नई दिल्ली:

गौतमबुद्ध नगर से भाजपा ने फिर से डॉ महेश शर्मा को टिकट दिया है. वहीं सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार सतवीर नागर हैं. कांग्रेस ने युवा चेहरा अरविंद सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. तीनों उम्मीदवारों ने आज नामांकन दाखिल किए. 11 अप्रैल को मतदान होना है. चुनावी और जातीय समीकरण के मद्देनजर यहां कांटे की टक्कर भाजपा बनाम गठबंधन दिख रही है.

डॉ महेश शर्मा ने ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर पहुंचकर शुक्रवार को नामंकन दाखिल किया. यह तीसरा मौका है जब महेश शर्मा सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करके केंद्रीय मंत्री बने महेश शर्मा ने अपने किए गए कामों को उपलब्धियां के तौर पर गिनवाया और चुनौतियां भी बताईं. उन्होंने कहा कि हमने लगभग 50 हजार करोड़ के प्रोजेक्टों की सिर्फ घोषणाएं नहीं कीं, धरातल पर लाए हैं. देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट. 12 हज़ार करोड़ की लागत से पावर प्लांट, ओखला बर्ड सेंचुरी, बॉटनिकल गार्डन, मेट्रो का जाल, जेवर तक मेट्रो, ईस्टर्न पेरीफेरल, इतना कुछ हुआ है लेकिन बहुत कुछ होना बाकी है. इस सरकार से पिछली सरकार की तुलना करें तो बेतरतीब तरीके से शहर बसाया गया. डॉक्टर हूं चिंता होती है कि प्रदूषण का लेवल कैसे सुधरे. ट्रैफिक जाम को ठीक करें.

बसपा के टिकट पर चुनावी अखाड़े में कूदे सतवीर नागर का यह पहला चुनावी अनुभव है पर वे उम्मीदवार सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के हैं, जिसका तजुर्बा पुराना है. ग्रामीण परिवेश से आते हैं तो आवाज़ किसानों की भी बुलंद कर रहे हैं और जोर विकास पर भी है. मुद्दों में  युवाओं को रोजगार दिलाना, किसानों की समस्या खत्म करना और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम अहम हैं.

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बसपा के टिकट पर 2014 में अलीगढ़ से चुनाव लड़ चुके अरविंद सिंह को इस बार साथ कांग्रेस का मिला है. पिता यूपी में बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, अब भाजपा में एमएलसी हैं. लिहाजा पिता का साथ नहीं और जब नाम की घोषणा हुई थी तब विरोध पार्टी के अंदर भी हुआ था. पर इस लड़ाई को छोड़कर बात मुद्दों की लड़ाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई किसानों के लिए है. हमारी लड़ाई युवाओं के लिए है, हमारी लड़ाई महिला सुरक्षा के लिए है, हमारी लड़ाई बाल कुपोषण के खिलाफ है, हमारी लड़ाई गरीबी के खिलाफ है और हम मुद्दों पर लड़ने वाले हैं. हम ये भी कहना चाहते हैं कि देश में डिवीज़न,देश में फ्रैक्शंस क्रिएट करना अच्छी बात नहीं है.

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महेश शर्मा ब्राह्मण जाति से हैं. सतवीर नागर गुर्जर और अरविंद सिंह ठाकुर. गौतमबुद्धनगर के करीब 23 लाख वोटरों में करीब करीब 16 लाख वोटर गांव में रहते हैं. जातिगत समीकरण के मुताबिक ठाकुर वोटर 4 से 4.5 लाख के करीब हैं. ब्राह्मण वोटरों की तादाद 4 लाख के आसपास है. मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर  3.5 से 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं.

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साल 2014 में महेश शर्मा को करीब 6 लाख वोट मिले थे. वहीं सपा बसपा के दोनों उम्मीदवारों को मिला दें तो करीब 5 लाख 18 हज़ार के आसपास वोट थे.

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