भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र (BJP Manifesto) जारी कर दिया है. भाजपा ने इस मैनिफेस्टो को 'संकल्प पत्र' का नाम दिया है. पार्टी के घोषणा पत्र जारी करने के बाद विपक्ष पार्टी समेत तमाम नेताओं ने तंज कसा है. जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट कर चुटकी ली है. कन्हैया कुमार ने भाजपा के मैनिफेस्टो को जुमला बताया है और कहा, इस बार जनता के सामने ठीक से जुमले भी नहीं पेश कर पाई.
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कन्हैया कुमार ने अपने ट्वीट पर कहा, ''भाजपा ने पिछले चुनाव में इतने जुमले गिरा दिए कि इस बार जनता के सामने ठीक से जुमले भी नहीं पेश कर पाई. यही वजह है कि उसे घोषणा पत्र की जगह संकल्प पत्र जारी करना पड़ रहा है. लेकिन हुआ क्या, पहाड़ खोदने पर चुहिया तक नहीं निकली.'' कन्हैया कुमार ने इस ट्वीट के साथ एक हैशटैग भी यूज किया. इसमें उन्होंने हैशटैग बीजेपी जुमला मैनिफेस्टो (#BJPJumlaManifesto) लिखा.
भाजपा ने पिछले चुनाव में इतने जुमले गिरा दिए कि इस बार जनता के सामने ठीक से जुमले भी नहीं पेश कर पाई। यही वजह है कि उसे घोषणा पत्र की जगह संकल्प पत्र जारी करना पड़ रहा है। लेकिन हुआ क्या, पहाड़ खोदने पर चुहिया तक नहीं निकली।#BJPJumlaManifesto
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) April 8, 2019
कन्हैया कुमार ने NDTV से कहा था कि चुनाव में सभी सवालों को गायब कर दिया जाता है. रोहित वेमुला, नजीब पर कोई चर्चा नहीं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार बने जो हमारे मुद्दों पर बात करे. कन्हैया कुमार से जब पूछा गया कि वह पीएम मोदी से मुकाबला कर रहे हैं या गिरिराज सिंह से? उन्होंने कहा कि हमारा मुकाबला संविधान विरोधी ताकतों से है. अफसोस है कि चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद चुनावी सभा में सेना का जिक्र किया जाता है. उन्होंने कहा कि अंग्रेज भी स्वतंत्रता सेनानी को बागी कहते थे. आजादी के ऊपर जो हमला है हम उसके खिलाफ लड़ रहे हैं.
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बीजेपी द्वारा मैनिफेस्टो जारी करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि घोषणापत्र में तीन प्रमुख बातों का उल्लेख है. राष्ट्रवाद हमारी प्रेरणा है. अंत्योदय दर्शन है और सुशासन मंत्र है. वन मिशन, वन डायरेक्शन को लेकर आगे बढ़ने का लक्ष्य रखा है. एक ही डंडे से सबको हांका नहीं जा सकता है, इसलिये सबको समाहित करने की कोशिश की है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश मल्टी लेयर यानी सबको एड्रेस करने की कोशिश की है. जैसी जहां आवश्यकता हो, उसके अनुरूप आगे बढ़ना चाहते हैं. हम एक अलग जल शक्ति मंत्रालय बनाएंगे. नदी तट की संस्कृति में मछुआरे बड़ा माध्यम रहे हैं.
पीएम (PM Modi) ने कहा कि जो काम 50-60 के कालखंड में होना चाहिए था, वह हमें 2014 में करना पड़ा. सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश है. विकास को जन आंदोलन बनाएंगे. दिल्ली के एसी कमरों में बैठकर गरीबी को परास्त नहीं किया जा सकता है. गरीब ही गरीबी को दूर कर सकता है और उन्हें सशक्त बनाना होगा. पीएम ने कहा कि मैं बदलाव को बारीकी से देखता हूं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भ्रष्टाचार को दूर करने में हमें सफलता मिली है. शासन व्यवस्था में कई रिफॉर्म्स किये हैं. हमारा संकल्प पत्र सुशासन पत्र भी है और राष्ट्र की सुरक्षा और खुशहाली का संकल्प पत्र भी है. 2047 में देश विकासशील से विकसित बने यह कोशिश है. इसकी नींव अभी रखनी होगी.
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