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This Article is From May 09, 2019

कैसे ललिता रानी बन गईं जया प्रदा, बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक का सफर

राजनीति में जया प्रदा  (Jaya Prada) ने पहला कदम 1994 में रखा था. उस समय जया प्रदा तेलगू देशम पार्टी में शामिल हुईं थी.

कैसे ललिता रानी बन गईं जया प्रदा, बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक का सफर
उप्र की रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं जया प्रदा (Jaya Prada)
नई दिल्ली:

1970-80 के दशक में सफलतम अभिनेत्रियों में शुमार जया प्रदा (Jaya Prada) अपनी दूसरी पारी राजनीति के मैदान पर खेल रही हैं. वह बीजेपी (BJP) के टिकट पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर (Rampur) से सपा के फायरब्रांड नेता और महागठबंधन के प्रत्याशी आजम खान (Azam Khan) के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. जितना दिलचस्प उनका फिल्मी सफर रहा है उतना ही चुनौतियों भरा उनका अब तक का सियासी सफर भी रहा है. बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया से राजनीति की जमीन पर कैसे उतरीं जया प्रदा (Jaya Prada) और कैसे दोस्त ही बन गए दुश्मन. पढ़ें यहां. 

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फिल्मों में आने से पहले जया प्रदा (Jaya Prada) का असली नाम ललिता रानी (Lalita Rani) था. ललिता (Lalita) का जन्म 3 अप्रैल 1962 को आंध्र प्रदेश के राजामुंद्री में हुआ था. जया प्रदा ने अपने करियर की शुरुआत तेलुगू फिल्मों से की थी. तेलुगू फिल्म 'भूमिकोसम' उनकी पहली फिल्म थी जो 1974 में रिलीज हुई थी, इसमें जया प्रदा (Jaya Prada) ने एक गाने में 3 मिनट का रोल किया था. कहते हैं कि इस फिल्म के लिए जया प्रदा (Jaya Prada) को सिर्फ 10 रुपये मेहनताना मिला था. 1974 से लेकर 1979 तक जया प्रदा (Jaya Prada) ने तेलुगू फिल्मों में ही काम किया और कुछेक कन्नड़ फिल्में भी की. बॉलीवुड में उनका सफर  1979 में फिल्म सरगम से शुरू हुआ था. इसके बाद जया प्रदा ने 'मवाली', 'तोहफा', 'हिम्मत वाला' जैसी शानदार  फिल्में की. जया प्रदा (Jaya Prada) जब अपने करियर के शीर्ष पर थीं तो उन्होंने तीन बच्चों के पिता श्रीकांत नाहाटा से शादी कर ली थी. 

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राजनीति में जया प्रदा  (Jaya Prada) ने पहला कदम 1994 में रखा था. उस समय जया प्रदा तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हुईं थी. इसके बाद जया प्रदा (Jaya Prada) अमर सिंह (Amar Singh) के संपर्क में आईं और 2004 में समाजवादी पार्टी (Samajwadi) में शामिल हो गईं. सपा (SP) में शामिल होने पर उन्हें साल 2004 के लोकसभा चुनावों में रामपुर सीट से टिकट भी दिया गया. जया प्रदा (Jaya Prada) ने यहां से जीत दर्ज की.  लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. सपा से तल्ख रिश्तों के बाद जया प्रदा, अमर सिंह के साथ सपा से अलग हो गईं. सपा से अलग होने के बाद अमर सिंह (Amar Singh) ने अपनी पार्टी पार्टी बनाई राष्ट्रीय लोक मंच. जया प्रदा ने इस पार्टी से भी विधानसभा चुनावों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाईं. इसके बाद जया प्रदा राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में शामिल हो गईं. और 2019 के आम चुनावों से पहले बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया.    

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जया प्रदा ने आजम खान (Azam Khan) पर आरोप लगाया था कि उन्होंने जया प्रदा पर तेजाब से हमला करने की कोशिश की थी. हाल ही में आजम खान द्वारा दिए गए विवादित बयान की वजह से भी जया प्रदा सुर्खियों में रहीं थीं. 

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