नरेंद्र मोदी फिर से सत्तासीन हुए तो हो सकता है देश में आगे चुनाव ही न हों : अशोक गहलोत

कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चीन और रूस जैसे हालात भारत में भी बन जाने की आशंका जताई

नरेंद्र मोदी फिर से सत्तासीन हुए तो हो सकता है देश में आगे चुनाव ही न हों : अशोक गहलोत

कांग्रेस नेता सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि नरेंद्र मोदी फिर से सत्ता में आए तो हो सकता है देश में चुनाव ही न हों.

खास बातें

  • कहा- मोदी बॉलीवुड में होते तो अपने लटके-झटकों से अलग छाप छोड़ते
  • चुनाव से पहले और बाद में भी किसी भी हद तक जा सकते हैं मोदी
  • यदि वास्तव में चौकीदारी करते हैं तो क्या कालाधन विदेशों से वापस आया?
नई दिल्ली:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आशंका जताई है कि यदि नरेंद्र मोदी ने फिर से देश की सत्ता संभाली तो हो सकता है देश में चुनाव होना बंद जाएं. उन्होंने चीन और रूस का उल्लेख करते हुए भारत में तानाशाही शासन आने की भी आशंका जताई.  

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में ‘लोकतंत्र एवं संविधान' को खतरा होने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि अगर जनता ने मोदी को फिर से सत्ता सौंपी, तो हो सकता है कि हमारे यहां (भारत में) चुनाव न हों या फिर चीन और रूस जैसी स्थिति हो. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री किसी भी हद तक जा सकते हैं और वह विरोधियों को निशाना बना रहे हैं.

गहलोत ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए दावा किया कि मोदी ‘मार्केटिंग के मास्टर' हैं और ‘अगर वह बॉलीवुड में होते तो अपने लटके-झटकों एवं अदाओं से देश तथा दुनिया में अलग छाप छोड़ते.' गहलोत ने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘सच्चाई हमारे पक्ष में है और हमें विश्वास है कि सच्चाई की ही जीत होगी.'

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यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस हार गई तो क्या सच्चाई की हार होगी, उन्होंने कहा कि अगर जनता उन्हें जिता देती है..., अगर मोदी जी दोबारा जीत जाते हैं तो इस बात की गारंटी नहीं है कि देश में चुनाव होंगे या नहीं.' उन्होंने कहा कि चुनाव होंगे भी और नहीं भी होंगे... जैसे चीन, रूस में होता है.'

गौरतलब है कि चीन में एकल पार्टी की व्यवस्था है जबकि रूस में व्लादिमीर पुतिन लंबे समय से राष्ट्रपति के पद पर बने हुए हैं.

गहलोत ने दावा किया कि मोदी जी किसी भी हद तक जा सकते हैं. चुनाव जीतने से पहले भी और बाद में भी वह किसी भी हद तक जा सकते हैं. उनके दिमाग में क्या है, मुझे लगता है कि अमित शाह को भी नहीं पता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र खतरे में है, संविधान खतरे में है और देश खतरे में है. देश में केवल दो लोग... नरेंद्र मोदी और अमित शाह सरकार चला रहे हैं.

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कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के संगठन महासचिव रहे गहलोत ने कहा कि मोदी जी को राजीव गांधी के बाद स्पष्ट बहुमत मिला था. उनको सोचना था कि जिम्मेदारी बढ़ गई है और उन्हें जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार करना चाहिए था. लेकिन उन्होंने मौका गंवा दिया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोग चार साल पहले कहने लग गए थे कि यह आदमी चुनाव के लिए कुछ भी कर सकता है. युद्ध भी करा सकता है. किसी प्रधानमंत्री के बारे में यह धारण बनना ठीक नहीं है. प्रधानमंत्री वह होता है जो लोगों के दिल को छूने वाली बात करे. गहलोत ने कहा कि मोदी जी को चाहिए कि वह मुद्दों की राजनीति करें. पर वह राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. गहलोत ने सवाल किया कि क्या हम राष्ट्रवादी नहीं हैं?

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उन्होंने दावा किया कि पी चिदंबरम और दूसरे नेताओं को निशाना बनाया गया है. क्या भाजपा में सभी लोग दूध के धुले हैं? गहलोत ने कहा कि अमित शाह कहते हैं कि हम 50 साल तक राज करेंगे इसीलिए हम कहते हैं कि ये फांसीवादी लोग हैं. विरोधियों को निशाना बनाते हैं, कानून को अपना काम नहीं करने देते. हाल ही शुरू हुए, प्रधानमंत्री के ‘मैं भी चौकीदार' अभियान पर तंज कसते हुए गहलोत ने कहा कि  कहीं भी जाओ, लोग कहते हैं कि चौकीदार चोर है. अब उन्होंने ‘मैं भी चौकीदार' अभियान शुरू किया. सारे मंत्रियों ने ट्विटर हैंडल के नाम बदल लिए. वे बैकफुट पर आ गए हैं. अगर आप वास्तव में चौकीदारी करते हैं तो क्या कालाधन विदेशों से वापस आया? नौकरियों का क्या हुआ?

VIDEO : चुनाव से पहले चौकीदार पर बहस

कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि इनके डीएनए में नफरत और गुस्सा है. लोकतंत्र में आपके भीतर सहिष्णुता होनी चाहिए. इनके अंदर सहिष्णुता नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विदेश की धरती पर जनसभाएं करने वाले मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं और इसके लिए उन्होंने भारतीय दूतावासों का दुरुपयोग किया है. गहलोत ने यह भी दावा किया कि बीजेपी एवं आरएसएस देश में संविधान से इतर जाकर काम कर रहे हैं और संस्थाओं पर अपनी विचारधारा थोप रहे हैं.

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(इनपुट भाषा से)