
लोकसभा चुनाव की तारीखों (Election 2019 Date) के एलान को लेकर तमाम तरह के कयासों के बीच खबर आ रही है कि मार्च के दूसरे हफ्ते में तारीखों की घोषणा हो सकती है. चुनाव की तारीखों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. कांग्रेस ने पूछा कि क्या चुनाव आयोग पीएम मोदी का कार्यक्रम खत्म होने का इंतजार कर रहा है. उधर, चुनाव आयोग (Election Commission of India) के सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा (2019 Election Date) मार्च के दूसरे हफ्ते में की जा सकती है. बताया जा रहा है कि चुनाव 6 से 7 चरणों में हो सकते हैं. उधर, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चुनाव की फर्जी तारीखों की पोस्ट भी वायरल हो रही है. इसे संज्ञान में लेते हुए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने फेसबुक और ट्विटर को संबंधित कंटेट के लिए भी कहा था. सोशल मीडिया पर सिर्फ चुनाव की तारीख ही नहीं, बल्कि पार्टियों के प्रत्याशियों की फर्जी सूची भी वायरल होने का मामला सामने आ चुका है. यूपी में सपा-बसपा गठबंधन होने पर बसपा प्रत्याशियों की फर्जी लिस्ट भी वायरल हुई थी. जिस पर बहुजन समाज (BSP)केस भी दर्ज करा चुकी है.
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तय समय पर ही होंगे चुनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर लगाई जा रही अटकलों के बीच मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा के आगामी चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे. अरोड़ा से सवाल किया गया था कि पाकिस्तान में वायुसेना के हमले के बाद पैदा सूरतेहाल में पर्याप्त सुरक्षा बलों की उपलब्धता नहीं होने की आशंका के कारण क्या लोकसभा चुनाव समय से कराना संभव होगा? मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आगामी लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शीपूर्ण तरीके से कराने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान आचार संहिता का कड़ाई से पालन होगा और हर शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी.
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'सी-विजिल' एप्लीकेशन होगा जारी
लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश में 'सी-विजिल' मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया जाएगा. इस ऐप पर कोई भी नागरिक चुनाव से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखने का विकल्प भी होगा. चुनाव आयोग उन शिकायतों पर हुई कार्रवाई को अपने खर्च पर अखबारों में छपवाएगा. सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिये आयोग की समितियों में एक-एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ की तैनाती होगी.
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2014 में कब हुए थे चुनाव
केंद्रीय चुनाव आयोग ने 7 अप्रैल से 12 मई, 2014 के बीच 9 चरणों में 2014 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) कराया था. पहले चरण में दो राज्य, दूसरे चरण में पांच राज्य, तीसरे चरण में 14, चौथे में तीन, पांचवे चरण में 13 राज्यों का चुनाव हुआ था, वहीं छठें में 12, सातवें में नौ, आठवें में सात, नौवें में तीन राज्यों में चुनाव हुए थे.
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NRI वोटर ऑनलाइन वोट नहीं दे पाएंगे
चुनाव आयोग ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में NRI मतदाताओं को अपना वोट ऑनलाइन देने का अधिकार नहीं दिया गया है. चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा, 'ऐसा करने के लिए जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन की जरूरत होगी. इस तरह का संशोधन नहीं हुआ है.' विदेश मंत्रालय के आकलन के मुताबिक करीब 3.10 करोड़ एनआरआई दुनिया के विभिन्न देशों में रह रहे हैं.
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मतदाताओं की सहूलियत के लिए वीवीआईपी अभियान शुरू
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाताओं को वोटर पहचान पत्र सहित चुनाव संबंधी अन्य जानकारियों और सहूलियतों के लिए 'मतदाता पहचान एवं सूचना कार्यक्रम' (वीवीआईपी) देशव्यापी स्तर पर शुरू किया है. इसके तहत हेल्पलाइन एवं अन्य सेवाओं के जरिये मतदाता अपने पहचान पत्र में संशोधन कराने, नया पंजीकरण कराने और तथ्यों की पुष्टि की जा सकेगी.
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दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल वोटर स्लिप मिलेगी
निर्वाचन आयोग इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल वोटर स्लिप उपलब्ध कराएगा. ब्रेल एक लिपी होती है, जिसमें डॉट-डॉट उभरे होते हैं. दृष्टिबाधित व्यक्ति उंगलियों की मदद से इन डॉट को पढ़ता है. 'सुलभ चुनाव' के लिए अपनी रणनीति के हिस्से के रूप में आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल के साथ सुलभ फोटो वोटर स्लिप जारी करने के लिए कहा है. ब्रेल वाली पर्चियों का इस्तेमाल हाल में समाप्त हुए विधानसभा चुनाव में भी किया गया था.
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हर EVM के साथ इस्तेमाल होगी VVPAT मशीन
चुनाव आयोग ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनावों में सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनें इस्तेमाल की जाएंगी. आयोग के वकील निरंजन राजगोपाल ने न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ को यह बात उस जनहित याचिका के जवाब में बताई, जिसमें चुनाव आयोग को आम चुनावों में हर संसदीय क्षेत्र में वीवीपीएटी मशीनों के इस्तेमाल का निर्देश देने की मांग की गई है. चुनाव आयोग ने जब आश्वस्त कर दिया कि वीवीपीएटी मशीनें 100 फीसदी इस्तेमाल की जाएंगी तो पीठ ने याचिका खारिज कर दी.
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