मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरएसएस कार्यालय से सुरक्षा हटा ली गई है. आरएसएस कार्यालय समिधा भवन में पिछले 15 साल से तैनात SAF जवानों को देर रात हटा दिया गया और इनके तंबू भी उखाड़ दिए गए. लेकिन इस बीच जो सबसे हैरानी वाली बात सामने आई है वह यह कि आरएसएस की विचारधारा के धुर विरोधी कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री कमलनाथ से संघ कार्यालय की सुरक्षा न हटाने की अपील की है. दिग्विजय सिंह ने कहा, भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान ही आरएसएस को लेकर विवाद हो चुका है. खबरों के मुताबिक कहा गया था कि सत्ता में आने पर संघ पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा हालांकि बाद में इस पर कमलनाथ को आगे आकर बयान देना पड़ा था. उन्होंने कहा कि संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोई मंशा नहीं है.
भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है मैं मुख्य मंत्री कमल नाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 2, 2019
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इससे पहले कांग्रेस सरकार ने साल 1981 में मध्यप्रदेश में सरकारी भवनों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद वर्ष 2000 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार ने इस प्रतिबंध को सिविल सर्विसेज कंडक्ट रूल के तहत जारी रखा था. इसके बाद नवंबर 2003 में भाजपा नीत सरकार प्रदेश में आई और उमा भारती मुख्यमंत्री बनी. उन्होंने भी इस प्रतिबंध को जारी रखा. उमा भारती के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री बने. तब भी यह प्रतिबंध जारी रहा. लेकिन गौर के बाद वर्ष नवंबर 2005 में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने और उन्होंने वर्ष 2006 में आरएसएस को सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन एवं गैर राजनीतिक संगठन बताते हुए इस पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था.
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आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस बार दिग्विजय सिंह को भोपाल से टिकट दिया है जो कि बीजेपी का गढ़ है. हालांकि अभी तक बीजेपी की ओर से किसी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है.
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