पटना की एक अदालत ने शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि वाद के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष को 20 मई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शशिकांत रॉय ने उपमुख्यमंत्री के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया. दरअसल, सुशील मोदी ने राहुल गांधी की एक जनसभा में की गई इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है कि ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है.' कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार जिले में ये टिप्पणियां की थीं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अदालत में पेश होकर आरोप लगाया था कि उनका भी यही उपनाम है और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष की टिप्पणी से शर्मिंदगी महसूस की और यह उनकी मानहानि है. रॉय ने इस मामले को आगे सुनवाई के लिए अतिरिक्त सीजेएम कुमार गुंजन के पास भेजते हुए गांधी को सुनवाई की अगली तारीख 20 मई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया.
बता दें कि इससे पहले जब सुशील मोदी ने मीडिया को कहा था कि वह राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे, तो इस पर राजद नेता और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने उन्हें आड़े हाथों ले लिया था. तेजस्वी ने सीधा हमला बोलते हुए कहा था कि राहुल गांधी से पहले अगर उनमें हिम्मत है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं. इतना ही नहीं, सृजन घोटाले को लेकर भी तेजस्वी ने सुशील मोदी को सवालों के कटघरे में खड़ा किया था.
बता दें कि सुशील कुमार मोदी ने पहले ही कहा था कि सभी मोदी को 'चोर' कहे जाने को लेकर वह राहुल गांधी के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा करेंगे. उन्होंने कहा था कि मोदी सरनेम रखना कोई अपराध है क्या? उन्होंने कहा कि राहुल के बयान से करोड़ों मोदी नाम के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. (इनपुट भाषा से)
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