मुनव्वर ने ही तो सबको बताया था कि –'हमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती है.
हम अब तनहा नहीं चलती दवा भी साथ चलती है
अभी ज़िंदा है मां मेरी मुझे कुछ नहीं होगा,
मैं घर से जब निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है'
लबों पर उसके कभी बददुआ नहीं होती,
बस एक मां है जो कभी ख़फ़ा नहीं होती
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
मां बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है.
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