नई दिल्ली:
भारत में यदि किसी शख्स को जेल जाना पड़ता है तो उसका अनुभव काफी दर्दनाक होता है. लेकिन क्या यही बात वीआईपी कैदियों के लिए कही जा सकती है ? अमीर और ताकतवर भारतीयों की जेल में बीती जिंदगी के बारे में दिलचस्प किस्से बयान करती एक नई किताब आई है, जिसमें उन सुविधाओं का जिक्र है जो रसूखदार कैदियों को सलाखों के पीछे दी जाती हैं.
पत्रकार सुनेत्रा चौधरी की किताब ‘‘बिहाइंड बार्स: प्रिजन टेल्स ऑफ इंडियाज मोस्ट फेमस’’ संजीव नंदा, विकास और विशाल यादव, अंका वर्मा और मनु शर्मा जैसे अपराधियों की बात करती है, जिनके लिए ‘‘नियम-कायदों को ताक पर रख दिया गया और उन्हें खास तरह के फायदे मुहैया कराए गए’’.
किताब में बताया गया है कि कैसे इन रसूखदार कैदियों को ‘‘अच्छे बर्ताव’’ के आधार पर पैरोल या फलरे मिलती रही.
सुनेत्रा ने इस किताब में और भी कई नामचीन हस्तियों की जेल में बीती जिंदगी के बारे में लिखा है.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
पत्रकार सुनेत्रा चौधरी की किताब ‘‘बिहाइंड बार्स: प्रिजन टेल्स ऑफ इंडियाज मोस्ट फेमस’’ संजीव नंदा, विकास और विशाल यादव, अंका वर्मा और मनु शर्मा जैसे अपराधियों की बात करती है, जिनके लिए ‘‘नियम-कायदों को ताक पर रख दिया गया और उन्हें खास तरह के फायदे मुहैया कराए गए’’.
किताब में बताया गया है कि कैसे इन रसूखदार कैदियों को ‘‘अच्छे बर्ताव’’ के आधार पर पैरोल या फलरे मिलती रही.
सुनेत्रा ने इस किताब में और भी कई नामचीन हस्तियों की जेल में बीती जिंदगी के बारे में लिखा है.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
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