 
                                            - साउथ कोलकाता में शवों के निपटारे का मामला
- कोरोनावायरस के मरीजों के शव होने का था शक
- कोलकाता पुलिस ने दावे को नकारा, गवर्नर ने मांगी सफाई
साउथ कोलकाता के एक शवदाह गृह में शवों के निपटारे को लेकर एक हिला देने वाला वीडियो सामने आया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि यहां पर कुछ सड़े-गले शवों को एक गाड़ी में डाला जा रहा था. वहीं एक शख्स एक शव को घसीटता हुआ नजर आ रहा है. गुरुवार को सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी शेयर किया गया है और इसपर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा है. खुद बंगाल के गवर्नर जयदीप धनकड़ ने इस मुद्दे पर जबरदस्त नाराजगी जताते हुए संबंधित अथॉरिटी से सफाई मांगी है. विरोध कर स्थानीय लोगों और बंगाल बीजेपी ने दावा किया है कि ये शव कोरोनावायरस से मरे हुए मरीजों के थे. मामला खुलकर सामने के बाद अथॉरिटीज़ की तरफ से सफाई दी गई है कि ये शव कोरोनावायरस मरीजों के नहीं थे, बल्कि ये शव थे जिनकी कोई पहचान नहीं हो पाई थी या इनपर कोई दावा करने नहीं आया था.
समझा जा रहा है कि यह वीडियो बुधवार को साउथ कोलकाता के गरिया आदि महाश्मशान में बनाया गया था, जहां स्थानीय लोग नगर निगम की गाड़ी में कथित रूप से 13 शव लाने का विरोध कर रहे थे. जानकारी है कि जैसे ही यह गाड़ी से शवों को निकालकर शवदाहगृह के अंदर ले जाना शुरू हुआ, पूरे इलाके में भयंकर बदबू फैल गई थी जिसके बाद विरोध कर रहे लोगों ने शवदाह गृह का गेट लॉक कर दिया. इस वीडियो क्लिप में एक आदमी चिल्लाते हुए सुनाई देता है- 'क्या हमें यहां पिटने के लिए भेजा है?' उसके पीछे एक शख्स एक शव को घसीटता हुआ नजर आ रहा है. उसने एक बड़ी चिमटे जैसी चीज से शव को पकड़ रखा है.
विरोध होने की बात पर वहां निगम के कुछ अधिकारी पहुंचे और शवों को दोबारा गाड़ी में डालकर वहां से हटाने का आदेश दिया. कोलकाता नगर निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के प्रमुख फरहद हाकिम ने सफाई दी है कि पहले लावारिस शवों का दाह संस्कार धापा शवदाह गृह में किया जाता था लेकिन 29 मई से उसे बस कोरोनावायरस मरीजों के शवों के लिए आरक्षित रखा गया है, इसलिए ये शव गरिया शवदाह गृह लाए गए थे.
ये वीडियो सामने आने पर राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने एक साथ कई सारे ट्वीट करके राज्य के गृह सचिव से जवाब मांगा हैं. उन्होंने कहा है कि इन शवों के अस्पताल में एडमिट किए जाने और उनके इलाज वगैरह की जानकारी दी जाए. उन्होंने गुस्से में लिखा, 'किसी इंसानी शव को ऐसे कैसे घसीटा जा सकता है? इससे ऐसा असंवेदनशील व्यवहार कैसे किया जा सकता है? यह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है.'
Anguished at disposal of dead bodies @MamataOfficial -with heartless indescribable insensitivity. Not sharing videos due to sensitivity.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) June 11, 2020
Have sought an URGENT UPDATE @HomeSecretaryWB
In our society dead body is accorded highest respect-rituals r performed as per tradition(1/3)
कोलकाता पुलिस ने कहा है कि वो कोरोनावायरस को लेकर झूठ फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करेगी. पुलिस की ओर से ट्वीट करके कहा गया है, 'पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि ये शव कोरोनावायरस मरीजों के नहीं थे, बल्कि अस्पताल के शवगृह में पड़े लावारिस शव थे. झूठी खबरें फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.' इसके पहले कोलकाता के सरकारी अस्पताल NRS मेडिकल कॉलेज की ओर से पुलिस कमिश्नर को एक खत लिखकर जवाब दिया गया था कि 14 लावारिस शव अस्पताल के शवगृह से निकालकर शवदाह के लिए कोलकाता नगर निगम को दिए गए थे. खत में कहा गया था कि ये शव कोरोनावायरस मरीजों के नहीं हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
