
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली अचानक गुरुग्राम के एक सरकारी दफ्तर पहुंच गए. यहां विराट को देखते ही सभी लोग हैरान रह गए और उनके साथ फोटो लेने की होड़ भी शुरू हो गई. दरअसल विराट कोहली गुरुग्राम की अपनी प्रॉपर्टी का जीपीए करवाने आए थे, जिससे उन्होंने प्रॉपर्टी से जुड़े तमाम अधिकार अपने भाई को ट्रांसफर कर दिए. वजीराबाद तहसील में विराट इस काम के लिए करीब एक घंटा रुके रहे, जिसके बाद वहां से ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए निकल गए. ऐसे में आज हम आपको ये बताएंगे कि आखिर ये जीपीए क्या होता है और इसे कब करवाया जाता है.
क्या होता है जीपीए?
जीपीए का मतलब जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी होता है. ये एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी संपत्ति का अधिकार किसी दूसरे व्यक्ति को देता है. ये उन मामलों में जरूरी होता है, जिनमें प्रॉपर्टी का मालिक देश से बाहर हो या फिर काफी ज्यादा बीमार हो. जीपीए को प्रॉपर्टी बेचने में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन संपत्ति का मालिकाना हक उसी व्यक्ति के पास होता है, जिसके नाम से प्रॉपर्टी रजिस्टर हुई थी.
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क्यों पड़ी जीपीए की जरूरत?
जैसा कि हमने आपको बताया कि जो लोग प्रॉपर्टी से जुड़े कामकाज देखने के लिए और उसकी देखभाल के लिए भारत में नहीं रहते हैं, वो अक्सर जीपीए का सहारा लेते हैं. विराट कोहली भी अब अनुष्का और अपने बच्चों के साथ लंदन में रहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने गुरुग्राम में अपनी प्रॉपर्टी का जीपीए अपने भाई विकास के नाम कराया है, इससे विराट को बार-बार कानूनी जिम्मेदारियों के लिए भारत आने की जरूरत नहीं होगी, उनकी जगह उनके भाई को ये अधिकार मिल जाएगा.
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