
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी PoK में खूब बवाल चल रहा है. यहां पाकिस्तानी सेना और आम जनता के बीच हिंसक झड़प में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं. पीओके के लोग पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ विद्रोह छेड़ चुके हैं, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. पीओके के कई नेता भारत से मदद मांगने की बात भी कर चुके हैं, जिसके बाद सोशल मीडिया पर पीओके वापस लेने की मांग भी तेज हो चुकी है. ऐसे में हम आपको आज ये बताएंगे कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सीमा भारत में कहां से लगती है और कश्मीर से पीओके की कुल दूरी कितनी है.
कैसे बना PoK?
सबसे पहले ये जान लेते हैं की आखिर पीओके कैसे बना और पाकिस्तान ने कैसे भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया. दरअसल ये मामला तब का है जब भारत में रियासतें हुआ करती थीं. जम्मू-कश्मीर रियासत में राजा हरि सिंह का शासन था, जिन्होंने न तो पाकिस्तान में शामिल होने का फैसला लिया न ही हिंदुस्तान में... इसी का फायदा पाकिस्तान ने उठाना चाहा और कश्मीर पर कब्जा करने के लिए 1947 में कई उग्रवादियों को भेज दिया गया. हथियारबंद इन दुश्मनों का सामना राजा हरि सिंह की सेना नहीं कर पाई और आखिरकार भारत सरकार से मदद मांगनी पड़ी.
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कहां है पीओके की सीमा?
नीलम नदी के किनारे तीतवाल गांव का इलाका भारतीय सीमा और पीओके को बांटता है. ये भारत का सीमावर्त गांव है, जो पीओके से सबसे ज्यादा नजदीक है. केरन वैली भी पीओके के काफी नजदीक है, जिसका एक हिस्सा भारत में आता है और दूसरा हिस्सा पाकिस्तान में है.
अब अगर कश्मीर से पीओके की दूरी की बात करें तो ये करीब 150 किमी है. श्रीनगर से केरन वैली की दूरी इतनी है, वहीं सीमावर्ती इलाकों से ये दूरी और भी ज्यादा कम है. यानी जरूरत पड़ने पर भारतीय सेना चार से सात घंटे में पीओके तक पहुंच सकती है. बता दें कि भारत का स्टैंड हमेशा से पीओके के लोगों के समर्थन में रहा है, भारत हर मंच से यही कहता आया है कि पाकिस्तान को उसके कब्जे वाला कश्मीर छोड़ना होगा और उस पर बात करनी होगी.
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