- बांग्लादेश की नौसेना ने 29 और 30 दिसंबर को बंगाल की खाड़ी में भारी गोलाबारी की घोषणा की है
- इस अभ्यास के दौरान सभी नौकाओं और कमर्शियल जहाजों को उक्त इलाके से दूर रहने की चेतावनी दी गई है
- बांग्लादेश की नौसेना पाकिस्तान के साथ गठबंधन बढ़ा रही है, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ी हैं
भारत से जारी तनाव के बीच बांग्लादेश की नौसेना बंगाल की खाड़ी में अपनी ताकत की नुमाइश करने जा रही है. बांग्लादेश की नौसेना ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर विशेष चेतावनी जारी कर कहा है कि आगामी 29 और 30 दिसंबर को बांग्लादेश नौसेना के जहाजों द्वारा बंगाल की खाड़ी में भारी गोलाबारी की जाएगी. इस वजह से इस इलाके से सभी तरह के नौकाओं, कमर्शियल जहाजों को दूर रहने को कहा गया है.
हालांकि, यह एक सामान्य सी घटना है पर मौजूदा हालात में बंगाल की खाड़ी में इस तरह का एक्ट करना एक सामान्य बात नही हैं. वह भी तब जब 8 नवंबर को पाकिस्तान नौसेना के प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ ढाका की यात्रा की थी. उसके पहले पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ढाका की यात्रा कर चुके है. साफ है बांग्लादेश की नौसेना पाकिस्तान की नौसेना के साथ नापाक गठबंधन बनाने में जुटी है जो भारत के लिये चिंता वाली बात है. बांग्लादेश में ऐसी गतिविधियों में इजाफा मोहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार बनने के बाद हुआ है.
वैसे अगर भारतीय नौसेना और बांग्लादेश नौसेना के बीच तुलना करें तो दोनो के बीच काफी अंतर है. भारतीय नौसेना के लिहाज से बांग्लादेश की नौसेना काफी कमजोर है. उनका फोकस मुख्य रूप से अपने तट की हिफाजत करना होता है. ग्लोबल फायर पावर के मुताबिक भारतीय नौसेना के पास दो एयर क्राफ्ट कैरियर है तो बांग्लादेश की नौसेना के पास एक भी नही है.
भारतीय सेना से पंगा लेना पड़ सकता है महंगा
ऐसे ही भारतीय नौसेना के पास 13 डिस्ट्रॉयर हैं ,तो बांग्लादेश की नौसेना के पास शून्य है. वहीं भारत के पास 18 पनडुब्बी है तो बांग्लादेश के पास महज दो ही पनडुब्बी है. भारतीय नौसेना के पास 14 फॉरगेट है तो बांग्लादेश की नौसेना के पास यह महज 7 ही हैं. ऐसे ही भारत के पास 18 कार्वेट है तो बांग्लादेश के पास 6 है वही भारत के पास 135 पेट्रोल वेसल है तो बांग्लादेश के पास यह मात्र 61 ही हैं .
इतना ही नही आए दिन इंडियन कोस्ट गार्ड के साथ भी बांग्लादेश कोस्ट गार्ड की समंदर में झड़प होती रहती है, यही हाल जमीन पर बॉर्डर सिक्युरिटी फ़ोर्स के साथ बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के साथ भी है. साफ है कि राजनीतिक स्तर पर जारी तनातनी का असर भारत और बांग्लादेश के बीच हर जगह दिख रहा है ऐसे में जो हालात बन रहे है उससे भारत को और ज़्यादा सतर्क रहने की जरूरत है .
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