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दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संस्‍कार भोज में उमड़ी भीड़, राजनीतिक दिग्‍गजों सहित आम लोगों ने दी श्रद्धांजलि

स्वर्गीय दिशोम गुरु के संस्कार भोज में अनेक अति विशिष्ट और विशिष्ट मेहमानों के साथ लाखों की संख्या में आमजन शामिल हुए. सभी ने शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की.

दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संस्‍कार भोज में उमड़ी भीड़, राजनीतिक दिग्‍गजों सहित आम लोगों ने दी श्रद्धांजलि
  • शिबू सोरेन के संस्कार भोज में लाखों लोगों ने उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया.
  • झारखंड के राज्यपाल, रक्षा मंत्री और तेलंगाना सीएम सहित कई मंत्री-सांसद उन्‍हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों के कारण परिवार को दुख की घड़ी में आत्मबल मिला है.
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रांची:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पैतृक गांव नेमरा की माटी आज फिर भावुक हो उठी, जब लाखों की संख्या में लोग यहां अपने महानायक स्वर्गीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन  को नमन करने उमड़ पड़े. सभी ने स्वर्गीय दिशोम गुरु की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके  योगदान को स्मरण किया. 

स्वर्गीय दिशोम गुरु के संस्कार भोज में अनेक अति विशिष्ट और विशिष्ट मेहमानों के साथ लाखों की संख्या में आमजन शामिल हुए. इनमें झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री  रेवंत रेड्डी, बाबा रामदेव  सहित कई मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, पदाधिकारी और प्रबुद्धजन शामिल हुए. सभी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की.

इस दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की. साथ ही "गुरुजी" के साथ अपने संबंधों, बिताए गए पलों तथा अनुभवों को  साझा किया. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ झारखंड हित की बातें करते थे. उनका इस तरह दुनिया को अलविदा कहना इस राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है. 

सीएम हेमंत सोरेन ने जताया आभार

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के कोने-कोने से आए लोगों के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि बाबा जब नई दिल्ली के एक अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन कठिन परिस्थितियों में राज्यवासियों का हमारे परिवार को सहारा प्राप्त हुआ, उसे कभी भूल नहीं सकता हूं. लोगों ने बाबा की जिंदगी के लिए दुआएं की, लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और मंजूर था. आज  दिशोम गुरु हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके अंत्येष्टि संस्कार से लेकर आज के संस्कार भोज में लाखों लोगों का शामिल होना, पूरे श्राद्ध कर्म के दौरान नेमरा आकर उनका हमारे साथ खड़े रहने से हमें और हमारे घर-परिवार को दुःख की इस घड़ी में काफी आत्मबल मिला.

सदैव याद रखे जाएंगे: हेमंत सोरेन

उन्‍होंने कहा कि राज्य की जनता जिस तरह हमारे साथ हर पल मौजूद रही, वह यह बताने के लिए काफी है कि उनका "बाबा" से  कितना गहरा लगाव था. "बाबा" भले ही हमें हमेशा-  हमेशा के लिए छोड़कर चले गए हैं,  लेकिन, इस राज्य के मार्गदर्शक और पथ प्रदर्शक के रूप में वे सदैव याद रखे जाएंगे. 
 

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