2024 के लोकसभा चुनाव में झारंखड की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करेगी भाजपा: बाबूलाल मरांडी

भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले प्रमुख संगठनात्मक बदलाव करते हुए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, सुनील जाखड़ और बाबूलाल मरांडी को क्रमशः तेलंगाना, पंजाब और झारखंड में अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया.

2024 के लोकसभा चुनाव में झारंखड की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करेगी भाजपा: बाबूलाल मरांडी

बाबूलाल मरांडी (फाइल फोटो)

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को दावा किया कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी और राज्य विधानसभा चुनाव में 'भ्रष्ट' झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन को सत्ता से बाहर कर देगी. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी का यहां भाजपा के कार्यालय और उनके गृह जिले गिरिडीह के अलावा बोकारो में पारंपरिक 'ढोल-नगाड़ों' के साथ भव्य स्वागत किया गया, और उनकी नियुक्ति का जश्न मनाने के लिए मिठाइयां बांटी गईं.

भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले प्रमुख संगठनात्मक बदलाव करते हुए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, सुनील जाखड़ और बाबूलाल मरांडी को क्रमशः तेलंगाना, पंजाब और झारखंड में अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. मरांडी दीपक प्रकाश की जगह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाए गए हैं. इस बदलाव से पता चलता है कि भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गठबंधन से मुकाबला करने के लिए आदिवासी नेता मरांडी पर अपना भरोसा जताया है, जो कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं.

मरांडी ने अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद कहा, ‘‘हम आगामी लोकसभा चुनाव में (राज्य की) सभी 14 सीटें जीतेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एक मजबूत सरकार बनाएंगे. भाजपा 2024 के विधानसभा चुनाव में राज्य की भ्रष्ट और अक्षम झामुमो सरकार को हटाने के अपने संकल्प को भी पूरा करेगी.'' निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि वह केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का स्वागत करते हैं और मरांडी जैसे अनुभवी नेता के नेतृत्व में पार्टी की राज्य इकाई आगे बढ़ेगी.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि भाजपा के कदम का लक्ष्य 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव हैं, क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार का एक बड़ा कारण गैर-आदिवासी रघुबर दास को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए रखने का पार्टी का निर्णय था. 81 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा सिर्फ 25 सीटें ही जीत सकी थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)