केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को झारखंड के देवघर में भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) के 450 करोड़ रुपये के नैनो यूरिया संयंत्र और टाउनशिप की आधारशिला रखी. शाह ने कहा कि इससे यूरिया के आयात पर निर्भरता घटाने तथा पूर्वी क्षेत्र खासकर संथाल परगना के विकास में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘नैनो यूरिया से किसानों को फायदा होगा और यह पहले से ही पांच देशों को निर्यात किया जा रहा है.''
इफको के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल गुजरात में दुनिया के पहले नैनो यूरिया संयंत्र का उद्घाटन किया था. यह भारत का पांचवां नैनो यूरिया संयंत्र होगा.
शाह ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर में भूमि संरक्षण से संबंधित सभी कामों को प्राथमिकता दी है. कई यूरिया कारखाने मोदी द्वारा फिर से शुरू किये गए हैं और 30 एकड़ क्षेत्र में बनने जा रही यह छोटी तरल यूरिया फैक्टरी हर साल करीब छह करोड़ बोतलों का उत्पादन करेगी जो इस क्षेत्र में आयात घटाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी.''
उन्होंने कहा कि यह कारखाना न केवल झारखंड बल्कि बिहार, ओडिशा और बंगाल में उत्पादन बढ़ाने में उपयोगी साबित होगस. इफको ने कहा कि नैनो यूरिया फसल की उत्पादकता, मिट्टी के स्वास्थ्य और उपज की पोषण गुणवत्ता में सुधार करता है.
इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी ने कहा कि संयंत्र अगले साल दिसंबर में शुरू होने वाला है. अवस्थी ने बताया कि 300 करोड़ रुपये की लागत से संयंत्र और 150 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा.
झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जेआईएडीए) ने इफको को देवघर जिले के जसीडीह क्षेत्र में परिसर के लिए 30 एकड़ जमीन आवंटित की है.
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