दिल्ली की एक अदालत में आज कश्मीर के बारामूला से लोकसभा सांसद राशिद इंजीनियर (Engineer Rashid) की जमानत पर सुनवाई हो सकती है. साल 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में उन्होंने नियमित जमानत की मांग की है. राशिद को अलग आज जमानत मिल जाती है तो कश्मीर में चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Election) का पूरा खेल बदल जाएगा. दरअसल जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में राशिद इंजीनियर की अगुवाई वाली पार्टी आवामी इत्तेदाह पार्टी ने उतरने का ऐलान किया है. राशिद के इस ऐलान के बाद राज्य में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, राशिद इंजीनियर की पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. राशिद इंजीनियर की पार्टी के महासचिव प्रिंस परवेज का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास एआईपी के अलावा कोई अन्य विकल्प है ही नहीं. राशिद इंजीनियर हैं कौन, विस्तार से जानिए.
कौन हैं राशिद इंजीनियर?
- राशिद इंजीनियर साल 2019 से जेल में बंद हैं.
- राशिद का असली नाम शेख रशीद है.
- राशिद इंजीनियर बारामूला से निर्दलीय सांसद हैं.
- उन्होंने साल 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को करारी शिकस्त दी.
- उत्तर कश्मीर की राजनीति में राशिद इंजीनियर जाना-माना नाम हैं.
- वह केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व विधायक भी हैं.
- पिछले 5 सालों से वह UAPA के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.
- राशिद की आवामी इत्तेदाह नाम की पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं.
- साल 2024 के लोकसभा चुनाव में वह निर्दलीय उतरे.
- साल 2019 के चुनाव में भी वह निर्दलीय दावेदार थे.
- साल 2019 में NIA ने राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग मामले में किया गिरफ्तार.
इंजीनियर राशिद के बारे में जानिए
राशिद इंजीनियर का जन्म हंदवाड़ा के लाछ मावर में हुआ था. उन्होंने श्री नगर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने करीब 25 साल तक सरकारी विभाग में इंजीनियर के पद पर काम किया. साल 2003 के करीब राशिद ने उर्दू वीकली न्यूजपेपर चट्टान में राजनीतिक मुद्दों पर लिखना शुरू किया. वहीं से वह फेमस होते चले गए. राशिद अपने परिवार से राजनीति में दाखिल होने वाले पहले शख्स हैं. वह हमेशा ही शांतिपूर्ण तरीके से जम्मू-कश्मीर समस्या का हल निकालने की वकालत करते रहे हैं.
राशिद इंजीनियर और राजनीति
- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ थे राशिद
- उन्होंने इसे लेकर कई विरोध प्रदर्शन किए और धरना भी दिया
- साल 2008 में उन्होंने कुपवाड़ा के लंगेट से निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गए.
- साल 2013 में राशिद ने आवामी इत्तेदाह पार्टी बनाई.
- 2014 विधानसभा चुनाव में वह दोबारा विधायक बने.
- 2014 लोकसभा चुनाव में राशिद को हार का मुंह देखना पड़ा.
- 2015 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उनके साथ धक्का-मुक्की हुई.
- 2015 में दिल्ली प्रेस क्लब में उन पर स्याही फेंकी गई.
- विधायक बनने के बाद भी राशिद बिना सुरक्षा अपनी छोटी सी कार से आते-जाते थे.
टेटर फंडिंग मामले में 5 साल से जेल में बंद हैं राशिद इंजीनियर
एनआईए द्वारा कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम), 1967 अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए जाने के बाद से वह 2019 से जेल में है. राशिद फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. अब वह जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं.
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