
फाइल फोटो
अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते प्रशासन ने रविवार को अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है. अलगाववादियों ने घाटी में बंद का आह्वान अनुच्छेद 35-ए को समर्थन देने के लिए किया है, जो राज्य को विशेष अधिकार प्रदान करता है. पुलिस के अनुसार, यहां भगवती नगर यात्री निवास से किसी तीर्थयात्री को आगे जाने नहीं दिया गया. उधमपुर और रामबन में विशेष जांच चौकियां स्थापित की गई हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीर्थयात्रियों का जत्था जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नहीं पहुंचे जो इन दोनों जिलों से गुजरता है. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में मौजूद यात्री यात्रा को जारी रखेंगे. 28 जून को सालाना अमरनाथ की धार्मिक यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 2.71 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में स्थित शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं.
अनुच्छेद 35A पर सुप्रीम कोर्ट के 'विपरीत' फैसले से जम्मू-कश्मीर पुलिस में हो सकता है विद्रोह : खुफिया विभाग
गौरतलब है अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिकता पर एक एनजीओ की ओर से चुनौती दी गई है. सोमवार को इस मुद्दे पर सुनवाई है. खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर इस पर सुप्रीम कोर्ट कोई भी विपरीत फैसला देता है कि तो राज्य की पुलिस में विद्रोह हो सकता है. वहीं राज्यपाल एनएन वोहरा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई है कि इस पर सुनवाई स्थानीय चुनाव होने तक टाल दिया जाए.
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