राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर का 92.5 फीसदी भूभाग पाबंदियों से मुक्त कर दिया गया है. वहीं राजनीतिक दलों को नेताओं को नजरबंद रखने के मामले में उन्होंने कहा कि किसी भी घटना को होने से रोकना के लिए उनको हिरासत में रखा गया है क्योंकि भीड़ इकट्ठा होने पर आतंकवादी इसका फायदा उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी नेता को आपराधिक या देशद्रोह का मामला नहीं है. उनको हिरासत में सिर्फ इसलिए रखा गया है ताकि राज्य में राज्य में लोकतंत्र लागू होने का माहौल बन सके और विश्वास है कि ऐसा बहुत जल्द हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी किया गया कानून के मुताबिक है और नेता अपनी हिरासत के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटका सकते हैं. अजीत डोभाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात जितना उन्होंने सोचा था उससे कहीं ज्यादा बेहतर हैं सिवाए 6 अगस्त वाली घटना को छोड़कर जिसमें एक लड़के की मौत गई. डोभाल ने यह भी कहा कि उसकी मौत गोली लगने से नहीं हुई है.
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डोभाल ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कहती है कि उसकी लड़के की मौत किसी कठोर चीज के लगने से हुई है. इतने दिनों में सिर्फ एक ही घटना हुई है जो आतंकवाद से प्रभावित है. एनएसए ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी पाबंदियां हट जाएं लेकिन यह पाकिस्तान की हरकतों पर निर्भर करेगा. अगर पाकिस्तान से ठीक से व्यवहार करे तो घुसपैठ नहीं होगी और वह अपने टावरों से आतंकवादियों को सिग्नल को भेजना बंद कर दे तो सभी पाबंदियां हटा ली जाएंगी. डोभाल ने बताया कि भारत-पाकिस्तान की सीमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर कम्युनिकेश टावर लगे हुए हैं जिनसे पाकिस्तान की ओर से संदेश भेजे जा रहे हैं. हमने कुछ संदेश सुने हैं जिनमें कहा जा रहा है, सेब से भरे इतने ट्रक कैसे भेजे जा रहे हैं, क्या उनको रोक नहीं सकते. क्या हम तुमको चूड़ियां भेजें? अजीत डोभाल ने पाकिस्तान की ओर से कोडवर्ड में की जा रही बातों को मतलब बताया कि वे सामना अपने गुर्गों से हथियार और लोजेस्टिक के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं.
अजीत डोभाल ने बताया कि श्रीनगर से हर रोज 750 ट्रकों की आवाजाही हो रही है. कल दो आतंकवादी यहां के मशहूर फल विक्रेता हमीदुल्लाह को निशाना बनाना चाहते थे. लेकिन वह उनको पा नहीं सके क्यों कि हमीदुल्लाह नमाज पढ़ने चले गए थे. लेकिन उन आतंकवादियों ने हमीदुल्लाह की दुकान में काम करने वाले दो लोगों को जबरदस्ती उनके घर सोपोर लेकर चले गए जहां ढाई साल की बेटी आसम जान और और बेटे मोहम्मद अरशद को गोली मार दी. दोनों आतंकी पाकिस्तानी थे और उनके हाथ में पिस्टल थी. वे पंजाबी बोल रहे थे. घटना को अंजाम देने के फरार हो गए. इसके अलावा एक और घटना जिसमें एक दुकानदार को गोली मार दी क्योंकि वह दुकान खोलने की कोशिश में लगा था. डोभाल ने कहा पाकिस्तान यहां ऐसे हालात पैदा करना चाहता है ताकि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बता सके कि यहां पर अशांति है. पाकिस्तान यहां प्रोपेगंडा फैलाना चाहता था और कुछ अनभिज्ञ लोग एक दो घटनाओं को आम लोगों की राय बता रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि घायल बच्ची को एम्स में भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से राज्य में कई तरह के पाबंदियां लगा दी गई थीं. उसके बाद कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, मेहबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला शामिल हैं.
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इनपुट : ANI
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