जयपुर:
गुलाबी नगरी जयपुर की दीवाली कुछ अनोखी ही है. यहां पर घरों को सजाने के साथ-साथ बाजारों और ऐतिहासिक इमारतों को भी सजाने की परंपरा है. सन 1772 में बसा यह शहर व्यापारियों और हस्तशिल्प के कारिगरों के लिए बसाया गया था.
यहां आज भी अलग-अलग गलियों में हस्तशिल्प के कारीगर अपनी हस्तशैली के अनुसार रहते हैं. लेकिन इस साल बाजार की सजावट कुछ ख़ास है. क्योंकि यहां बाजार में इस बार सेना के जवानों को श्रृधांजलि देने के लिए ख़ास पोस्टर लगाए गए हैं.
सेना के जवानों को सलामी देने के लिए यह पोस्टर बाजार में जगह-जगह लगाए गए हैं. सर्जिकल स्ट्राइक और देश की रक्षा करते हुए सैनिक इन पोस्टरों में दर्शाए गए हैं. ताकि यहां आने वाले लोग उनके काम और बलिदान को पहचान सकें.
हर साल जयपुर का व्यापार मंडल बाज़ारों की सजावट करवाता है, लेकिन पहली बार सेना को श्रृधांजलि देते हुए सजावट की गई है. बाजार में खरीददारी करने पहुंचे एक व्यक्ति गणेश प्रजापत ने कहा, 'ये लोग सरहद पर जो मेहनत कर रहे हैं. उनके सम्मान में यह बोर्ड लगाए गए हैं. उनका उत्साह बढ़ाने के लिए व्यापार मंडल ने यह बोर्ड लगाए हैं. एक दिन उनके लिए भी होना चाहिए.'
दूसरी और राजस्थान में 1048 किलोमीटर लंबी सीमा पर बीएसएफ के जवान भी दीवाली मना रहे हैं. जवानों को मुश्किल से ही छुट्टी मिल पाती है. बीएसएफ के जवानों की दीवाली अक्सर सरहद पर ही गुजरती है.
बीएसएफ इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार पुनिया का कहना है, बच्चों से दूर हैं तो काफी फील होता है. लेकिन हमने काफी दीवाली भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर आपस में साथ मनाई हैं.
बीएसएफ में हाल में ही भर्ती हुई मंजीत कौर ने कहा, आज तक तो हम घर-परिवार के साथ ही दीवाली मानते थे, लेकिन इस बार परिवार और बड़ा है, तो ये भी अच्छा है. इस दीवाली पर सरहद की रक्षा में जुटे बीएसएफ के इन सैनानियों के साथ जयपुर के लोगों की दुआएं भी जुड़ गई हैं.
यहां आज भी अलग-अलग गलियों में हस्तशिल्प के कारीगर अपनी हस्तशैली के अनुसार रहते हैं. लेकिन इस साल बाजार की सजावट कुछ ख़ास है. क्योंकि यहां बाजार में इस बार सेना के जवानों को श्रृधांजलि देने के लिए ख़ास पोस्टर लगाए गए हैं.
सेना के जवानों को सलामी देने के लिए यह पोस्टर बाजार में जगह-जगह लगाए गए हैं. सर्जिकल स्ट्राइक और देश की रक्षा करते हुए सैनिक इन पोस्टरों में दर्शाए गए हैं. ताकि यहां आने वाले लोग उनके काम और बलिदान को पहचान सकें.
हर साल जयपुर का व्यापार मंडल बाज़ारों की सजावट करवाता है, लेकिन पहली बार सेना को श्रृधांजलि देते हुए सजावट की गई है. बाजार में खरीददारी करने पहुंचे एक व्यक्ति गणेश प्रजापत ने कहा, 'ये लोग सरहद पर जो मेहनत कर रहे हैं. उनके सम्मान में यह बोर्ड लगाए गए हैं. उनका उत्साह बढ़ाने के लिए व्यापार मंडल ने यह बोर्ड लगाए हैं. एक दिन उनके लिए भी होना चाहिए.'
दूसरी और राजस्थान में 1048 किलोमीटर लंबी सीमा पर बीएसएफ के जवान भी दीवाली मना रहे हैं. जवानों को मुश्किल से ही छुट्टी मिल पाती है. बीएसएफ के जवानों की दीवाली अक्सर सरहद पर ही गुजरती है.
बीएसएफ इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार पुनिया का कहना है, बच्चों से दूर हैं तो काफी फील होता है. लेकिन हमने काफी दीवाली भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर आपस में साथ मनाई हैं.
बीएसएफ में हाल में ही भर्ती हुई मंजीत कौर ने कहा, आज तक तो हम घर-परिवार के साथ ही दीवाली मानते थे, लेकिन इस बार परिवार और बड़ा है, तो ये भी अच्छा है. इस दीवाली पर सरहद की रक्षा में जुटे बीएसएफ के इन सैनानियों के साथ जयपुर के लोगों की दुआएं भी जुड़ गई हैं.